कुछ मसीह लोग यह सोचते है कि उन्हें परमेश्वर का अनुग्रह प्राप्त करने के लिए कुछ किमत चुकानी पड़ेगी, मगर यह सही सोच नहीं है। कुछ लोग तो यह भी कहते है कि प्रार्थना और उपवास किमत चुकाने का एक रूप है जिसके द्वारा आप एक महान अभिषेक का अनुभव अपने जीवन में करते है, मगर यह सत्य नहीं है। प्रार्थना और उपवास भक्ति के लिए होती है न की परमेश्वर से कुछ प्राप्त करने की किमत!
अगर आप अभिषेक या फिर किसी भी ऐसी आशीष जिसके लिए यीशु मरा, किमत चुकाना चाहते है, तो आप यह विश्वास नहीं कर रहे है कि जो भी यीशु ने किया है वह काफी है। सच्चाई तो यह है कि अब आपको परमेश्वर की महिमा में चलने और उसे प्रकट करने के लिए किसी भी बलिदान की जरूरत नही है। जरा इसके बारें में सोचे: अब्राहम को परमेश्वर ने कहा, “और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊँगा, और तुझे आशीष दूँगा, और तेरा नाम महान् करूँगा, और तू आशीष का मूल होगा”(उत्पत्ति 12:2)। यह चुनाव पुरी तरिके से परमेश्वर का था।
अब्राहम ने परमेश्वर को प्रभावित करने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया कि परमेश्वर अब्राहम को महान बनाता। परमेश्वर ने उसको यह तब कहा था, जब वह विश्वासी भी नहीं था, और फिर जब उसने विश्वास किया तो उसका विश्वास धार्मिकता गिना गया। अब नए नियम की ओर आए, यह मसीह के और उसने हमारे लिए जो भी किया है उसके विषय में है। यह हमारे हाथों के कार्य के विषय में नही है। बाइबल बताती है कि “न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे”(इफिसियो 2:9)। कुलुस्सियों 1:12 कहता है, “और पिता का धन्यवाद करते रहो, जिसने हमें इस योग्य बनाया कि ज्योति में पवित्र लोगों के साथ मीरास में सहभागी हों”।
यह कितना अद्भुद है! हम खुद से परमेश्वर के वारिस नहीं बन सकते थे, और उसके दैविक स्वभाव के भागीदार नही हो सकते थे। और ना ही आपके हाथों का कार्य या फिर स्वय धार्मिकता इतनी अच्छी थी की मसीह के दैविक विरासत के भागीदार बन सकते। इसलिए, परमेश्वर के आगे अच्छा बनने का संघर्ष छोड़ दे। बस केवल मसीह के उन कार्यो को ग्रहण कर ले जो उसने आपके लिए की है। उसने आपके लिए किमत चुका दी है, ताकी आप जीवन और भक्ति से संबधित हरेक चिजो का आंनद उठाए।
इसलिए अब संघर्ष करना छोड़ दे, अपने आपको दोष देना छोड़ दे, परमेश्वर को खुश करने का प्रयास छोड़ दे और वचन के सच्चाई से जान ले की उसने आपके लिए सबकुछ प्रबंध कर दिए है और यह मसीह के कार्य के द्वारा हुआ है। और फिर मसीह के महिमा में जीए!
प्रार्थना और घोषणा
मैं मसीह के महिमा में जीता हूँ; क्योकि यीशु ने मेरे लिए किमत चुका दिए है, मेरे पास जीवन और भक्ति से संबधित हरेक चिज है। मैं आशीषों से भरा हुआ जीवन जीता हूँ और मसीह की विरासत मेरी है, आमीन!