बाईबल में यीशु ने हमें उसकी दुलहन कहा है, “हे मेरी प्रिय तू सर्वांग सुन्दरी है; तुझ में कोई दोष नहीं।” लेकिन कई बार हमारा प्रतिउतर उसको यह होता कि, “मै? मुझ में कोई दोष नहीं? प्रभु आप मुझे नही जानते है!”
क्या आपको लगता है की जिसने आपके लिए अपना बेटा भेजा, और उसे दण्ड दिया, आपको नहीं जानता होगा?
जैसा परमेश्वर देखता है वैसा कोई नहीं देखता है। वह आपके जीवन में मसीह के संपुर्ण कार्य की सिद्धता को देखता है। क्रुस पर अपने उस एक ही बलिदान के द्वारा उसने सभी को हमेशा के लिए सिद्ध कर दिया(इब्रानियों10:14)! आप अब मसीह में परमेश्वर की धार्मिकता बन चुके है(2कुरन्थ्यिों 5:21)। और आप उसके उस धार्मिकता में कोई दाग नहीं पाऐंगे जिसको जुटाने के लिए स्वय यीशु मसही मरा!
तो परमेश्वर चाहता है कि आप अपने आप को धर्मी देखें- मसीह में बिलकुल दोषरहित। प्रत्येक दिन, मसीह के धार्मिकता के विवेक में बने रहे। कहें, “मैं मसीह में परमेश्वर की धार्मिकता हूँ। मसीह ने मुझे अपने लहु से धोया है और मुझ में कुछ भी दाग नहीं।” जब आप ऐसा करता है तो आप यीशु के कार्य का आदर कर रहे होते है।
अगर आप हमेशा अपने पाप के विवेक में जी रहे है, तो आप मसीह के कार्य का आदर नहीं कर रहे है। आप शायद ऐसा सोच रहे हो कि आप पापी विवेक में जीना ही नम्रता है। मगर क्या आपको पता है की बाईबल पापी विवेक को “विवेक का बुराई या दोष” बताती है?
इब्रानियों 10:21-22 कहता है कि जब हमारा महायाजक यीशु हो तो, “हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर और देह को शुद्ध जल से धलुवा कर परमेश्व्र के समीप जाएं।” यहाँ पर लेखक का “विवेक का दोष” से क्या तात्पर्य है? अगर आप इस अध्याय के शरूवाती पदों को पढ़ेगें तो पाऐंगे कि वह “पापी विवेक” विवेक के बारें मे बात कर रहा है( इब्रानियों 10:2)। पौलुस इसे “जलते हुए लोहे से दागा गया विवेक” कहता है(1 तीमुथियुस 4:2)।
तो अपने अंदर दोषी विवेक को लिए न चलें। आपके जीवन के पापो को पहले ही यीशु के शरीर में क्रुस पर दंडित कर दिया गया है। बल्कि प्रत्येक दिन मसीह में अपने अंदर धार्मिकता और सिद्धता के विवेक को लेकर आए। क्योंकि जो काम क्रुस पर यीशु ने किया है आप बुंलदी से घोषणा कर सकते है, “मैं दोषरहित हूँ। मुझ में को दाग नहीं है!”
प्रार्थना और घोषणा
मैं बिलकुल साफ हूँ! मुझ में कोई दाग नहीं है! मैं मसीह में परमेश्वर की धार्मिकता हूँ। मैं पापी विवेक में नहीं जिता। हाँ, मेरे जीवन के पापो को क्रुस पर यीशु के शरीर में दंडित किया जा चुका है, ताकि मैं एक विजय का जीवन जी सकु! यीशु के नाम से, आमीन!