आपके अंदर यीशु का अवतार !

ध्यान दें यहा पौलुस ने यह नहीं कहा है कि “विश्वास के द्वारा यीशु तुम्हारे हृदय में बसे“ बल्की उसने यह कहा है कि “विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे” यीशु स्वर्ग में उठाया गया। यीशु जो मनुष्य का रूप था उपर उठाया गया। यहाँ जो पौलुस बता रहा है वह मनुष्य यीशु के बारें में नही है मगर उसके चरित्र, वयक्तित्व, महिमा और मसीह का अनुग्रह के बारें में है। यह तो यीशु का अवतार है जो आपके अंदर प्रकट होना चाहता है जो पवित्र आत्मा के द्वारा किया जाता है।

इसलिये जब हम “मसीह मनुष्य में है” कहते है तो इसका मतलब होता है कि एक मनुष्य में यीशु का स्वभाव, उसकी महीमा, उसका अनुग्रह और उसका सामथ्र्य है। तो इसका मतलब यह होता है कि एक मसीही वयक्ति केवल एक धार्मिक वयक्ति नही है। एक मसीही वह जिसके अंदर मसीह निवास करता है।

निवास करने का मतलब बसना भी होता है, जैसा कि आप उपर लिखें पदों में पढ़ सकते है। जिसका मतलब यह होता है कि मसीही लोग वे लोग है जिनके अंदर मसीह बस चुका है। दुसरे शब्दों में नए जन्म के द्वारा मसीह आपके दिलों में राज करता है, उसका हरेक गुण, चरित्र, महिमा अब आपके आत्मा में आ चुकी है ! अब आप उसके समान बन चुके है, क्योंकि विश्वास के द्वारा वह आपके अंदर अपना घर बना चुका है। उसकी हरेक बातें अब आपके अंदर है।

इसलिए बाईबल बताती है कि जैसा वह है, वैसे ही हम भी पृथ्वी पर है।(1यूहन्ना4:17) क्योंकि उसका जीवन, उसका वयक्तित्व और उसका महिमा का चरित्र आपके अंदर है !

प्रार्थना और घोषणा

मैं मसीह के साथ उसकी सामथ्र्य, अधिकार और प्रभाव में राज करता हूँ। मैंने नया जन्म पाया है इसलिये मेरे अंदर उसकी महिमा, चरित्र, और स्वभाव है, यीशु के नाम से….आमीन !

आपके अंदर यीशु का अवतार!

ध्यान दें यहा पौलुस ने यह नहीं कहा है कि “विश्वास के द्वारा यीशु तुम्हारे हृदय में बसे“ बल्की उसने यह कहा है कि “विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे” यीशु स्वर्ग में उठाया गया। यीशु जो मनुष्य का रूप था उपर उठाया गया। यहाँ जो पौलुस बता रहा है वह मनुष्य यीशु के बारें में नही है मगर उसके चरित्र, वयक्तित्व, महिमा और मसीह का अनुग्रह के बारें में है। यह तो यीशु का अवतार है जो आपके अंदर प्रकट होना चाहता है जो पवित्र आत्मा के द्वारा किया जाता है।

इसलिये जब हम “मसीह मनुष्य में है” कहते है तो इसका मतलब होता है कि एक मनुष्य में यीशु का स्वभाव, उसकी महीमा, उसका अनुग्रह और उसका सामथ्र्य है। तो इसका मतलब यह होता है कि एक मसीही वयक्ति केवल एक धार्मिक वयक्ति नही है। एक मसीही वह जिसके अंदर मसीह निवास करता है।

निवास करने का मतलब बसना भी होता है, जैसा कि आप उपर लिखें पदों में पढ़ सकते है। जिसका मतलब यह होता है कि मसीही लोग वे लोग है जिनके अंदर मसीह बस चुका है। दुसरे शब्दों में नए जन्म के द्वारा मसीह आपके दिलों में राज करता है, उसका हरेक गुण, चरित्र, महिमा अब आपके आत्मा में आ चुकी है! अब आप उसके समान बन चुके है, क्योंकि विश्वास के द्वारा वह आपके अंदर अपना घर बना चुका है। उसकी हरेक बातें अब आपके अंदर है।

इसलिए बाईबल बताती है कि जैसा वह है, वैसे ही हम भी पृृथ्वी पर है।(1यूहन्ना4:17) क्योंकि उसका जीवन, उसका वयक्तित्व और उसका महिमा का चरित्र आपके अंदर है!

प्रार्थना और घोषणा

मैं मसीह के साथ उसकी सामथ्र्य, अधिकार और प्रभाव में राज करता हूँ। मैंने नया जन्म पाया है इसलिये मेरे अंदर उसकी महिमा, चरित्र, और स्वभाव है, यीशु के नाम सेे….आमीन!