चंदा और बलिदान में बहुत फ्रक है। जब आप प्रभु को देते है तो यह भेंट है, जो एक बलिदान होती है। इसे पवित्र दान भी कहा जाता है जो कि आपके स्वर्गीय पिता और आपके संबध में होता है। यह चंदें से बिलकुल अलग होता है। कुछ प्रयास होते है जिनमें हम अपना योगदान दे सकते है; हम संस्थाओं में, एन.जी.ओ. में, और अच्छे कदम में अपना चंदा और सहायता जरूर दे सकते है लेकिन जब परमेश्वर को देने की बारी आए, तो यह कोई चंदा नहीं है; आपकी भेंट, दंशाअंश और बीज जो आप परमेश्वर को देते है, यह बलिदाान है और इसलिए इसे अपने दिल में पवित्र मानना चाहिए और पुरे आदर के साथ देना चाहिए।
यह बेहद ही जरूरी है क्योंकि आप कैसे देते है यह तय करती है कि आप परमेश्वर से कैसे प्राप्त करेंगे। क्योंकि अगर आप चंदा देते है, तो आपको वही मिलेंगा जो चंदा प्रतिज्ञा करती है। आप परमेश्वर को चंदा नहीं दे सकते। आप परमेश्वर को अपनी भेंट और बलिदान चढ़ाते है क्योंकि वह परमेश्वर है। आपकी भेंट यह गवाही है कि आप उसे मानते है और उसका मनुष्य के समान नहीं बल्कि परमेश्वर के समान आदर करते है।
कई बार, चर्च में भी चंदा उठाया जा सकता है। यह किसी प्रोजेक्ट, किसी अच्छे प्रयास के लिए या फिर किसी ऐसी बातों के लिए जो गुप्त हो। लेकिन आपकी भेंट, दंशाअंश, बीज, पहला फल, यह चिजें चंदा नहीं हैः यह सभी परमेश्वर के आगे बलिदान है। याद रखें परमेश्वर की आराधना हमें वैसे ही करनी चाहिए जैसा उसने हमें कहा है, नहीं तो हम उसकी आशीष से वंचित रह जाऐंगे। परमेश्वर का वचन हमें यह सीखाता है कि बलिदान से आशीषे जुड़ी हुई है। चंदा और अंशदान की भी अपनी आशीषे है।
उदाहरण के तौर पर, जब आप किसी गरीब को देते है तो यह भेंट नहीं होती है; किसी गरीब को देना बुरा नही है मगर आप लिची का पेड़ लगाकर वहाँ से आम की आशा नहीं कर सकते। किसी गरीब की मदद करना, यह परमेश्वर को उधार देना होता है “जो कंगाल पर अनुग्रह करता है, वह यहोवा को उधार देता है…”(नीतिवचन 19:17)। इसकी भी अपनी आशीषे है। मगर परमेश्वर का भेंट बिलकुल अलग है। यह समझ बेहद ही जरूरी है, क्योकि जब आप परमेश्वर से ज्यादा परिणाम पाने की आशा करते है तो आपको परमेश्वर के तरिके से परमेश्वर के चिजों को करना जरूरी होता है।
याद रखें आप किस सिंद्धात का प्रयोग करते है, यही तय करती है कि आपको परिणाम क्या मिलेगा !
प्रार्थना और घोषणा
हे स्वर्गीय पिता, मैं आपकी आराधना अपनी भेंट और बलिदान से करता हूँ। मैं घोषणा करता हूँ कि मैं प्रत्येक दिन देने के अनुग्रह में बढता जाता हूँ। मेरे वचनबद्धता के कारण सुसमाचार फैलता जाता है और लोगो की आत्माएँ बचायी जा रही है। यीशु के नाम से, आमीन !