चालीस दिन और रात, इतनी बारिस हुई कि नुह और उसके साथ जहाज में जो थे, उनको छोड़ कर पुरा विश्व नष्ट हो गया। 150 दिन के बाद, सातवें महीने के सत्तरहवे दिन को, जहाज आरारात नामक पहाड़ पर आकर टिक गया।
क्या आपको पता है कि इब्रानी भाषा में शब्द “अरारात” का अर्थ “शाप रद्द करना” है? न्याय का जल हट गया, जिसके कारण जहाज अरारात पर्वत पर आकर, एक ऐसी भुमी पर टिका जहाँ शाप रद्द कर दी गयी थी। और यह सातवे महीने के के सत्तरहवे दिन में हुई थी, जो पहले फल का त्योहार था- वही दिन जब यीशु मसीह मरे हुओं मे से जीवित हो गया था!
जब मसीह मरे हुओं मे जीवित हुआ, तो हम भी उसके साथ जीवित हो गए (देखें कुलिसियों 2:12)। हम जो मसीह(हमारा असल जहाज) में है, एक ऐसे भुमी पर खड़े है, जहाँ शाप रद्द कर दी गयी है(देखें गलातियों 3:13), जहाँ पर बीमारी, गरीबी और असफलता के कार्य का कोई स्थान आपके जीवन में नहीं है!
आप एक ऐसे भुमी पर खड़े जहाँ कोई शाप नहीं है, जहाँ कोई असफलता नहीं है, जहाँ कोई डर नहीं है, जहाँ कोई बीमारी नहीं है, जहाँ कोई बाँझपन नहीं है, जहाँ कोई उपज की कमी नहीं है, जहाँ कोई अस्थिरता नहीं है, जहाँ कोई शत्रु का डर नहीं है, जहाँ असुरक्षा नहीं है,और जहाँ कोई मृत्यु नहीं है (व्यवस्थाविवरण28:3-13)!
प्रियों हम जरूर शाप में थे, लेकिन अब नहीं (इफिसियों 2:2-5)! मसीह के कारण हम एक ऐसी भुमी पर खड़े है, जहाँ अब अंधकार की कोई भी हरकत हमारे जीवन में कानुनी नहीं है! इसलिए हमारी सेवकाई लोगो के जीवन में छुटकारे की घोषणा, यह जानते हुए करती है कि अब मसीह में लोग आशीषित भुमी पर खड़े है।
प्रियों, विश्वासी होने के कारण, आप आशीषित भुमी पर खड़े है, जहाँ आपके ऊपर परमेश्वर की आशीष की वर्षा होना असान बात है! परेमश्वर की आशीष प्राप्त करना, आपकी जीवनशैली है!
प्रार्थना और घोषणा
मैं परमेश्वर के पुत्र यीशु के द्वारा आशीषित हूँ! मेरा जीवन परमेश्वर के जीवन और उसके आशीषों से भरा हुआ है! मैं जिस भुमि पर खड़ा हूँ, वह आशीष की भुमी है! यीशु मसीह मेरा वह जहाज जो मुझे बुराई से बचाता है और आशीष के सोतो के पास ले चलता है! विधियों का वह लेख जो मेरे नाम पर और मेरे विरोध में था, यीशु के कारण हट चुका है! मैं अब आजाद हूँ, यीशु के नाम से, आमीन!