यीशु प्रभु ने इस पृथ्वी पर एक अनुकरणीय जीवन व्यतीत किया। वह कभी भी जरूरतमंद नही रहा; उसके अंदर कभी भी आवश्यकता की कोई चेतना नहीं थी; वह हमेशा परिस्थितियों के उपर प्रभारी था। वह एक चमत्कार था। यीशु ने ऐसे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जैसा कभी किसी ने नहीं किया।
इस पृथ्वी पर हमारे लिए यीशु से अधिक अनुकरणीय उदाहरण कोई नहीं है। उन्होंने परिस्थितियों पर पूरी तरिके से निपुणता हासिल की; उसने कभी भी किसी बात को लेकर हड़बड़ी नहीं की। उसने जो भी बाते कही वह पुरी हुई। एक बार वह अपने चेलों के साथ था और उसके चेलों ने उसे हवाओं और लहरों से बात करते हुए सुना। इस घटना से पहले, उन्होंने उसे एक पेड़ से बात करते सुना था, और पेड़ अपनी जड़ों से मुरझाा गया था। उसने अंधे आँखो और लंगड़े पैरो से बात की थी, सभी ने यीशु के आवाज को सुना और उसकी मानी। इसलिऐ लोग आश्चर्यचकित होकर यह प्रश्न करने लगे कि “यह किस प्रकार का वयक्ति है?”
मैं बताता हूँ की यीुशु किस प्रकार का व्यक्ति थाः वह नई प्राणी का नेतृत्व करने वाला है। 2 कुरिन्थियों 5:17 कहता है कि अगर कोई मसीह में है, तो वह नई सृष्टि है; एक नया मनुष्य; यह नया मनुष्य यीशु के समान होता है। हम एक ही भंडार से आए है। 1यूहन्ना 4:17 कहता है, “…जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं।” यही कारण है कि हम उसका अनुकरण कर सकते है। 1पतरस 2:21 हमें बताता है कि उसके पद चिन्हों चलों; दुसरों शब्दों में, उसके उदाहरणों में चलें, क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही हम भी इस संसार में है। उसने मरकुस 11:23, “तुम्हारें पास वही होगा जो तुम कहोंगे”!
इसका अभ्यास करें: अपने धन, नौकरी, शिक्षा, परिवार और सेवा के खिलाफ हरेक तुफान और लहर को रोकें; कैंसर को विकास करने के लिए मना करें। आप यीशु के समान किसी भी चिजों से बात कर सकते है और वे चिजें आपकी सुनेंगे।
यही उदाहरण यीशु ने हमारे सामने पेश किया है और उसी उदाहरण में मुझे और आपको मानना हैं।
प्रार्थना और घोषणा
यीशु के योग्य और गौरवशाली उदाहरणों के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। मैं परिस्थितियों को अपने अधिन रखता हूँ और इस जीवन में शैतान और इस संसार के तत्वों पर पवित्र आत्मा की सामथ्र्य और यीशु के नाम अधिकार से शासन करता हूँ। आमीन!