प्रभु यीशु ने पवित्र आत्मा को पिता कहा, जो उसके अंदर रहता था, उसने पवित्र आत्मा को उसके द्वारा चमत्कार करने वाला कहा। आगे यूहन्ना 8:38 में उसने कहा, “मैं वही कहता हूँ, जो अपने पिता के यहाँ देखा है…” इसलिए यह बात साफ है कि यीशु पिता के साथ असाधरण तरिके से एक था। उसने पवित्र आत्मा के सामथ्र्य के बिना कुछ भी नहीं किया।
उसने यूहन्ना 5:19 में कहा, “…मैं तुम से सच सच कहता हूँ, पुत्र आप से कुछ नहीं कर सकता, केवल वह जो पिता को करते देखता है, क्योंकि जिन जिन कामों को वह करता है उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है।” यह कितना अद्भुत वचन है! यीशु हमेशा अपने पिता के साथ अभिन्न एकता के विषय में सचेत था। इसलिये इसमें कोई ताजुब की बात नहीं है कि उसने अपने जीवन में सफलताए प्राप्त की। हमें पिता के साथ एकता में ठिक जैसा यीशु चला था, चलना चाहिए।
पवित्रआत्मा का आपके अंदर आनें के द्वारा अब पिता आपके अंदर निवास करता है, क्योंकि अब आप उसके मंदिर है। तो आप यीशु के समान पिता में है, और पिता आप में है। इस सच्चाई को अपने चेतना में रखें। इस बात को अपने चेतना में रखें कि आप अब अकेले नहीं है। आपको पिता तक पहुचने की कोशीश नहीं करनी है; क्योंकि वह आपके अंदर निवास करता है। अब आपको पिता के पास जाकर चिल्लाने की जरूरत नहीं है कि वह आपकी सुने। सच्चाई तो यह है कि आप जहाँ कही भी जाते है, आप पिता में और पिता के साथ जाते है, जो आपके अंदर निवास करता है।
पवित्र आत्मा सच में आपका पिता है। वह आपसे ज्यादा आपको जानता है। आपके जीवन में कुछ भी ऐसी चिजे नही है, जिसको वह नहीं जानता। वह आपके सफलता के विषय में आपसे ज्यादा जोशीला है। आपको केवल बस आपके बारें में उसके दर्शन को स्वीकारना है, और उसका समर्थन करना है; फिर आप उसके साथ एक होने के लिए तैयार हो जाते है।
प्रार्थना और घोषणा
प्रिय पिता, मैं आपके साथ संगति में होने के महान सम्मान और विशेषधिकार के लिए धन्यवाद देता हूँ। मुझे आपकी सिद्ध ईच्छा जानने के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है, और उस रास्ते पर मैं चलता हूँ। मैं आपके एकता में चलता हूँ। मेरा जीवन आपकी महिमा के लिए हमेशा है! यीशु के नाम से, आमीन!