संकट के बिच में विजय

आज जितनी बुराईया संसार में है उतनी है बुराईयां बाईबल के दिनों में भी थी। जो समाचार आज हमें मिडिया के द्वारा मिलती है भलें ही हमें बहुत ही अजीब और बुरी लगे मगर बाईबल हमें बताता है कि ऐसी बातें नई नही है। यह बहुत पहले से होती आ रही है।


पहले भी आर्थिक तंगी थी तो यह आर्थिक तंगी आज भी है, पहले भी बेरोजगारी थी और आज भी है। लोग पहले भी आंतकी हमलें के डर में जिते थे और लोग आज भी ऐसे ही भय में अपना जीवन वयतीत करते है। हमारा शत्रु वही पुराना पैतरा अपना कर हमें दबा कर रखना चाहता है। बल्की मुझे ऐसा बोलना चाहिए कि उसके पास कोई दुसरा तरकीब है ही नही, वह हमेशा वही पुरानी तरकीब अपनाता है।

मगर हमारा परमेश्वर हमेशा और हरेक पिढ़ीयों के लिए विश्वासयोग्य रहा है। संकट और अंधकार के बीच में वह अपने लोगो को विजय में अगुवाई करता आया है और अपनी प्रतिज्ञाए पुरी की है। इसलिये तो भजनकर्ता अपने भजन में यह कहता हैः मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूँगा, मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बताता रहूँगा।- भजन 89:1

इससे फ्रक नही पड़ता की मिडिया अपने समाचार के द्वारा कितना तबाही आपके जीवन में लाने की कोशीश कर रहा है, डरने से इन्कार कर दें। घबराए नहीं!


1यूहन्ना 4:4 कहता है कि: “हे बालको, तुम परमेश्वर के हो, और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है वह उससे जो संसार में है, बड़ा है।” आपका स्वर्गीय पिता बहुत लम्बे समय से इस संसार के तकलिफ, बीमारी, परेशानी, आर्थिक तंगी और आतंक के कार्यो का खातमा करता आ रहा है। वह आपके समस्या को सुलझाने के प्रति हैरान और परेशान नही है। वह आपके जीवन को खुबसुरत बनाने के प्रति वयाकुल और चिंतित नही है।

फिर से पौलुस के इस उत्साहित करने वाले पत्र को पढ़े “…परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है…”– 2कुरिन्थियों 2:14। परमेश्वर ने मुसीबतों, आर्थिक तंगी, आतंक और प्रार्कतिक आपादाओं के बीच भी आपके लिए विजय, बढोतरी और भरपुरी तय कर दी है। संसार मे आपके इर्द-गीर्द क्या हो रहा है इससे अलग हट कर परमेश्वर ने आपके लिए सफलता तय कर दी है!

प्रार्थना और घोषणा

इस संसार में क्या हो रहा है उसका ध्यान किए बिना परमेश्वर ने मुझे सुरक्षित और स्वथ्य रखा है। मैं बहती नदियों के किनारें लगाए गए पेड़ के समान हूँ जिसके पत्ते कभी नही मुरझाते और अपने समय में फल लाते है। मैं सदा जय के उत्सव में चलता हूँ। मैं इस संसार के नियम पर निर्भर नहीं। धन्यवाद यीशु… आमीन!

Triumphant In The Midst Of Crises

There was as much evil in Bible days, as there is today; the world was just as wicked and dark back then, as it is today. The happenings around the world today, as reported by the media might be terribly agonizing, but the Bible clearly shows that these things are not new: “The thing that hath been, it is that which shall be; and that which is done is that which shall be done: and there is no new thing under the sun” (Ecclesiastes 1:9).

There were economic hardships back then as there are today; there were recessions and depressions. People lived in fear because of terrorism. These were, and are still tricks the adversary uses to suppress and oppress people. In fact, he has no new tricks; he’s only got the same old ones that will always fail.

Our God, however, has been faithful throughout all generations. In the midst of the darkness, He has led His people in perpetual triumph and kept His promises. No wonder the psalmist declared, “I will sing of the mercies of the LORD for ever: with my mouth will I make known thy faithfulness to all generations” (Psalms 89:1).

It doesn’t matter how much news of doom and gloom is propagated through the media, refuse to fear. Don’t panic! 1 John 4:4 says, “Ye are of God, little children, and have overcome them: because greater is he that is in you, than he that is in the world.” Your heavenly Father has been dealing
with evil, hardship, harsh economic conditions, wickedness, and terror in the world for long. He’s not perplexed as to how to take care of you, and beautify your life.

Read again the inspiring words of the Apostle Paul in 2 Corinthians 2:14, this time, from the Message translation: “And I got it, thank God! In the Messiah, in Christ, God leads us from place to place in one perpetual victory parade….” God has ordained your victory, promotion, and prosperity in the midst of recession, economic downturn, inflation, and disaster. He already planned that you’ll be a success in this life, irrespective of what’s going on in the world around you.

PRAYER & DECLARATION

Irrespective of the perils and tribulations in this world, I’m shielded and protected; I’m like a tree planted by the waters, that spreads out her roots by the river. I don’t know when heat comes. I’m triumphant always in Christ Jesus! I’ve overcome the world and its systems! Thank you Lord Jesus!

मसीह में हमेशा जय

परमेश्वर की यह योजना है कि मसीह यीशु में आप हमेशा जय पाए। यह शब्द “जय के उत्सव” का मतलब केवल विजय पाना नही परन्तु महान और महत्वपुर्ण विजय है। एक ऐसा विजय जो ध्यान आकर्शित करें। इसका मतलब प्रबल होना भी है। यह मुशकिलों और सघंर्ष की समाप्ति है।


उपर जो हमनें पद् पढें है उसमें कुछ विशेष बातें ध्यान के योग्य है। जैसे कि यह वाक्य देखेंः “मसीह में सदा हमको जय केे उत्सव में लिये फिरता है।” इसलिये यह परमेश्वर की ईच्छा है कि आप हमेशा ही विजय में जीए और ना की कभी कभी। यह मसीह में आपकी विरासत है। इससे फ्रक नही पड़ता की आप कहा है या फिर कौन सी मुसीबत आपके पीछे पड़ी है, आप हमेशा ही विजय हासिल करेंगे।

मसीह में हम विजय होने के लिए प्रार्थना नहीं कर सकते। यह तो हमारी विरासत है, यही हमारा जीवन है! हमारा जीवन हरेक जगह और हर बातों में विजय होने के लिए दिया गया है। यही तो वचन भी बताता हैः “परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हमको जय केे उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान की सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।”

यह कितना अद्भुत है! वह अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा कही कही नही पर हरेक जगह फेलाता है। हमारे जीवन के सारे क्षेत्र इसी में आ जाती है चाहे फिर वह शारीरिक, भुगौलिक, या फिर आत्मिक क्षेत्र क्यों ना हो। आप हमेशा ही, हरेक जगह भी और हरेक बातों में भी विजय है। इसकी घोषणा परमेश्वर ने कर दी है इसलिए आप विजय है।

होने दें की आपकी आत्मा इस सच्चाई को जाने और आप इसमें जिने लगे। आप मसीह यीशु में विजय है: हमेशा विजय हासील करनेवाले! अपनें अंदर यही विवेक रहे।

प्रार्थना और घोषणा

पिता, मुझे मसीह में हमेशा विजय के उत्सव में लेकर जाने के लिए आपको धन्यवाद! चाहे मैं कोई भी परिस्थ्तिि में क्यों ना रहूँ मैं हमेंशा ही विजय होऊँगा! मै हमेशा ही आगे बढता जाता हूँ और स्वास्थ्य,भरपुरी और आशिषित जीवन जीता हूँ। प्रभु यीशु के नाम से…आमीन!

संकट के बिच में विजय

आज जितनी बुराईया संसार में है उतनी है बुराईयां बाईबल के दिनों में भी थी। जो समाचार आज हमें मिडिया के द्वारा मिलती है भलें ही हमें बहुत ही अजीब और बुरी लगे मगर बाईबल हमें बताता है कि ऐसी बातें नई नही है। यह बहुत पहले से होती आ रही है।


पहले भी आर्थिक तंगी थी तो यह आर्थिक तंगी आज भी है, पहले भी बेरोजगारी थी और आज भी है। लोग पहले भी आंतकी हमलें के डर में जिते थे और लोग आज भी ऐसे ही भय में अपना जीवन वयतीत करते है। हमारा शत्रु वही पुराना पैतरा अपना कर हमें दबा कर रखना चाहता है। बल्की मुझे ऐसा बोलना चाहिए कि उसके पास कोई दुसरा तरकीब है ही नही, वह हमेशा वही पुरानी तरकीब अपनाता है।

मगर हमारा परमेश्वर हमेशा और हरेक पिढ़ीयों के लिए विश्वासयोग्य रहा है। संकट और अंधकार के बीच में वह अपने लोगो को विजय में अगुवाई करता आया है और अपनी प्रतिज्ञाए पुरी की है। इसलिये तो भजनकर्ता अपने भजन में यह कहता हैः मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूँगा, मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बताता रहूँगा।- भजन 89:1

इससे फ्रक नही पड़ता की मिडिया अपने समाचार के द्वारा कितना तबाही आपके जीवन में लाने की कोशीश कर रहा है, डरने से इन्कार कर दें। घबराए नहीं!


1यूहन्ना 4:4 कहता है कि: “हे बालको, तुम परमेश्वर के हो, और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है वह उससे जो संसार में है, बड़ा है।” आपका स्वर्गीय पिता बहुत लम्बे समय से इस संसार के तकलिफ, बीमारी, परेशानी, आर्थिक तंगी और आतंक के कार्यो का खातमा करता आ रहा है। वह आपके समस्या को सुलझाने के प्रति हैरान और परेशान नही है। वह आपके जीवन को खुबसुरत बनाने के प्रति वयाकुल और चिंतित नही है।

फिर से पौलुस के इस उत्साहित करने वाले पत्र को पढ़े “…परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है…”– 2कुरिन्थियों 2:14। परमेश्वर ने मुसीबतों, आर्थिक तंगी, आतंक और प्रार्कतिक आपादाओं के बीच भी आपके लिए विजय, बढोतरी और भरपुरी तय कर दी है। संसार मे आपके इर्द-गीर्द क्या हो रहा है इससे अलग हट कर परमेश्वर ने आपके लिए सफलता तय कर दी है!

प्रार्थना और घोषणा

इस संसार में क्या हो रहा है उसका ध्यान किए बिना परमेश्वर ने मुझे सुरक्षित और स्वथ्य रखा है। मैं बहती नदियों के किनारें लगाए गए पेड़ के समान हूँ जिसके पत्ते कभी नही मुरझाते और अपने समय में फल लाते है। मैं सदा जय के उत्सव में चलता हूँ। मैं इस संसार के नियम पर निर्भर नहीं। धन्यवाद यीशु… आमीन!

Triumphant In The Midst Of Crises

There was as much evil in Bible days, as there is today; the world was just as wicked and dark back then, as it is today. The happenings around the world today, as reported by the media might be terribly agonizing, but the Bible clearly shows that these things are not new: “The thing that hath been, it is that which shall be; and that which is done is that which shall be done: and there is no new thing under the sun” (Ecclesiastes 1:9).

There were economic hardships back then as there are today; there were recessions and depressions. People lived in fear because of terrorism. These were, and are still tricks the adversary uses to suppress and oppress people. In fact, he has no new tricks; he’s only got the same old ones that will always fail.

Our God, however, has been faithful throughout all generations. In the midst of the darkness, He has led His people in perpetual triumph and kept His promises. No wonder the psalmist declared, “I will sing of the mercies of the LORD for ever: with my mouth will I make known thy faithfulness to all generations” (Psalms 89:1).

It doesn’t matter how much news of doom and gloom is propagated through the media, refuse to fear. Don’t panic! 1 John 4:4 says, “Ye are of God, little children, and have overcome them: because greater is he that is in you, than he that is in the world.” Your heavenly Father has been dealing
with evil, hardship, harsh economic conditions, wickedness, and terror in the world for long. He’s not perplexed as to how to take care of you, and beautify your life.

Read again the inspiring words of the Apostle Paul in 2 Corinthians 2:14, this time, from the Message translation: “And I got it, thank God! In the Messiah, in Christ, God leads us from place to place in one perpetual victory parade….” God has ordained your victory, promotion, and prosperity in the midst of recession, economic downturn, inflation, and disaster. He already planned that you’ll be a success in this life, irrespective of what’s going on in the world around you.

PRAYER & DECLARATION

Irrespective of the perils and tribulations in this world, I’m shielded and protected; I’m like a tree planted by the waters, that spreads out her roots by the river. I don’t know when heat comes. I’m triumphant always in Christ Jesus! I’ve overcome the world and its systems! Thank you Lord Jesus!

मसीह में हमेशा जय

परमेश्वर की यह योजना है कि मसीह यीशु में आप हमेशा जय पाए। यह शब्द “जय के उत्सव” का मतलब केवल विजय पाना नही परन्तु महान और महत्वपुर्ण विजय है। एक ऐसा विजय जो ध्यान आकर्शित करें। इसका मतलब प्रबल होना भी है। यह मुशकिलों और सघंर्ष की समाप्ति है।


उपर जो हमनें पद् पढें है उसमें कुछ विशेष बातें ध्यान के योग्य है। जैसे कि यह वाक्य देखेंः “मसीह में सदा हमको जय केे उत्सव में लिये फिरता है।” इसलिये यह परमेश्वर की ईच्छा है कि आप हमेशा ही विजय में जीए और ना की कभी कभी। यह मसीह में आपकी विरासत है। इससे फ्रक नही पड़ता की आप कहा है या फिर कौन सी मुसीबत आपके पीछे पड़ी है, आप हमेशा ही विजय हासिल करेंगे।

मसीह में हम विजय होने के लिए प्रार्थना नहीं कर सकते। यह तो हमारी विरासत है, यही हमारा जीवन है! हमारा जीवन हरेक जगह और हर बातों में विजय होने के लिए दिया गया है। यही तो वचन भी बताता हैः “परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हमको जय केे उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान की सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।”

यह कितना अद्भुत है! वह अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा कही कही नही पर हरेक जगह फेलाता है। हमारे जीवन के सारे क्षेत्र इसी में आ जाती है चाहे फिर वह शारीरिक, भुगौलिक, या फिर आत्मिक क्षेत्र क्यों ना हो। आप हमेशा ही, हरेक जगह भी और हरेक बातों में भी विजय है। इसकी घोषणा परमेश्वर ने कर दी है इसलिए आप विजय है।

होने दें की आपकी आत्मा इस सच्चाई को जाने और आप इसमें जिने लगे। आप मसीह यीशु में विजय है: हमेशा विजय हासील करनेवाले! अपनें अंदर यही विवेक रहे।

प्रार्थना और घोषणा

पिता, मुझे मसीह में हमेशा विजय के उत्सव में लेकर जाने के लिए आपको धन्यवाद! चाहे मैं कोई भी परिस्थ्तिि में क्यों ना रहूँ मैं हमेंशा ही विजय होऊँगा! मै हमेशा ही आगे बढता जाता हूँ और स्वास्थ्य,भरपुरी और आशिषित जीवन जीता हूँ। प्रभु यीशु के नाम से…आमीन!