सारी दुनिया आपके हाथों में !

बाइबल बताती है कि हम मसीह के संगी वारिस है, जिसका अर्थ यह होता है कि जो उसका है वह सभी हमारा भी है। वह सबकुछ आपको अपना हिस्सेदार बनाता है, यहाँ तक की अपने नाम में भी! इसलिए उसने कुलुस्सियों की पत्री अध्याय 3:17 में कहा है की “…जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो…” उसने अपना नाम आपको दे दिया की आप उसमें हमेशा जिए! अब जरा सोचे इससे बढकर और क्या हो सकता है ?


संगी वारिस होने के कारण, इस संसार पर उसके स्वामित्व में भी आपकी साझेदारी है। जी हाँ! भलें ही आपके कान को यह बात अच्छी न लगे मगर वचन की सच्चाई तो यही है। अब आप यह समझने लगेंगे की क्यों प्रार्थना परमेश्वर से केवल मांगना नहीं है बल्कि लोगो के लिए विनती करना और परमेश्वर के साथ संगती करना है। जब आपको यह समझ हो कि सबकुछ जो जीवन और भक्ति से संबध रखता है, वह आपकी है, तो प्रार्थना के मायने आपके लिए बिलकुल ही अलग होती है।


कुछ मसीह लोग बजाए इसके की वे अपनी भरपुरी और सृमद्धी की घोषणा करें, हमेशा अपनी घटी कमी का अंगीकरण करते ही रहते है। “परमेश्वर मुझे घर चाहिए, मुझे कार चाहिए, मुझे यह और वह चाहिए”। नहीं ! यह तरिका नहीं है। आपकी सबसे बड़ी जरूरत मसीह थी और वह अब आपके अंदर है। मसीह ही सबकुछ है! उसके पास सबकुछ है और उसने आपको सब दे दिया है।


इसलिए उसके वचन यह अनुमती दे कि वह आपके दिलों दिमाग को परिर्वतन करे यह संसार आपकी की है, इस सोच में अपने आपको विकसित करें ! बाइबल हमें भरोसा रखना को कहती है “…परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सबकुछ बहुतायत से देता है”(1तीमुथियुस 6:17)। इफिसियों1:3 यह घोषणा करती है कि “हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आत्मिक आशीष दी है”।


मसीह में विद्दमान सभी आशीषों का भागीदार परमेश्वर ने आपको बनाया है। सेहत, सृमद्धी, विजय जीवन, सफलता, आंनद, शांति और सभी आशीषे परमेश्वर ने आपको पहले ही दे दी है। इसी विवेक के साथ जीना सीखें ।


प्रार्थना और घोषणा

परमेश्वर मेरा चरवाहा है, सेहत, तरकी, बढोंतरी, भरपुरी और धनः मेरे पास सबकुछ है। मुझे आशीष बनने के लिए आशीष दी गयी है और मैं मसीह में मेरी विरासत की सच्चाई में चलता हूँ। आमीन !