वह आपमें और आप उसमें

जब यीशु इस पृथ्वी पर चला, वह अपने पिता के साथ एकता में चला, और वह लगातार अपने पिता उपस्थिति के चेतना में रहा। जब उसने ऊपर लिखें वचन कहें, “…पिता मुझ में है…”, वह पवित्र आत्मा के विषय में बात कर रहा था। पवित्र आत्मा ही परमेश्वर की आत्मा है। वह एक रहष्यमय वायु या फिर एक प्रभाववित करने वाली आत्मा है नहीं है, जैसा की कुछ लोग सोचते है। वह स्वर्गीय पिता है जो आपके अंदर निवास करता है! वह आपसे दुर नहीं है।


अपनी चेतना में यह बात हमेंशा के लिए रख लें की आप अकेले नही है; आप पिता में है और पिता आप में है। आप उसके साथ एक है। 1कुरिन्थियों 6:17 आपके एकीकरण के बारें में बात करती है: “…जो प्रभु की संगति में रहता है, वह उसके साथ एक आत्मा हो जाता है।” इसलिए आप परमेश्वर के साथ अपने संबध का आंनद ले सकते है और उसके साथ एकता में चल सकते हैं। यीशु इसलिए आया की परमेश्वर पिता के साथ हमें एक महिमित संगति में ले आए।


परमेश्वर के पास हमें ऐसे जाने की जरूरत नहीं है कि मानों हम उससे बहुत दुर हो; वह आप में है और आप उसमें। 2 कुरिन्थियों 5:17 यह कहता है कि “…यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है…” आप मसीह में नए जन्म के द्वारा आए। इसलिए अब आप मसीह में है। फिर कुलुस्सियों 1:27 में हम पाते है कि मसीह आप में है। इसलिए यीशु के समान आप भी पिता में है, और पिता आप में पवित्र आत्मा के द्वारा है !


पवित्र आत्मा आपके अंदर है की वह आपको परमेश्वर की आशीषों के बारें में बताए और सीखाए की उसमें कैसे चले। उसके सेवा को अपने जीवन में समझना सीखें और फिर आपके जीवन में कोई डर, चिंता, या अंधकार नही रहेगी। उसके साथ आप हमेशा विजय और सफलता का जीवन जीऐंगे।

प्रार्थना और घोषणा


धन्य पवित्र आत्मा आपको धन्यवाद मुझे मेरे दैविक विरासत में लेकर चलने के लिए ताकी मै प्रभु में अपने जीवन के लक्ष्य को पुरा कर सकूँ। आप ही मुझे धार्मिकता में राज करवाते है, और शांति, समृद्धि, दैविक सेहत और महिमा की संगति देते है। मै सच में आपका अभारी हूँ। मेरे अंदर आपकी उपस्थिति मुझे एक साधरण मनुष्य से बढ़कर बनाती है, जो मेरे द्वारा आपकी महिमा को प्रकट करती है, यीशु के नाम से, आमीन !