ज्योति में चलना मतलब परमेश्वर के वचन ज्योति मे चलना। अगर आप ज्योति मे नहीं चल रहे है, तो आपका कोई सहभागिता नही है क्योंकि ज्योति अधंकार के के विरोध में है।
उदाहरण के तौर पर, नए प्राणी के रूप में हमें धर्मी बना दिया गया है। अब आपको उस धार्मिकता मे चलना चाहिए। आप प्रभु यीशु मसीह मे परमेश्वर की धार्मिकता बन चुके है(2 कुरन्थियों 5:21)। अब आपको अपनी धार्मिकता के ज्योति में चलना चाहिए। अपनी धार्मिकता के ज्योति में चलने का अर्थ है कि जो परमेश्वर सोचता है आप उस पर चलते है; धार्मिकता के बारें में उसका प्रकाश।
धार्मिकता के बारें में उसका प्रकाश, परमेश्वर का वरदान है जो उनके ऊपर दिया गया है जो लोग अपना विश्वास प्रभु यीशु पर रखते है। इसलिए आप कह सकते है कि “स्र्वगीय पिता, मैं आपके ज्योति मे निवास करता हूँ; धार्मिकता हरेक के लिए एक वरदान है जो यीशु पर विश्वास करते है।; इसलिए मेरे पास वह वरदान है, प्रभु यीशु के नाम से! मैं अब धर्मी हूँ! इसे कहते है उसके ज्योति में चलना।
तब भी एक शारीरिक वयक्ति अपने समझ से चलता है। ऐसा वयक्ति कहता है, “मुझे लगता नहीं है कि आज परमेश्वर मेरे साथ; मेरी प्रार्थना तो मेरे छत से ऊपर भी नहीं गयी है। पिता, मेरी प्रार्थना सुने; मै संघर्ष कर रहा हूँ।” क्या आप देख रहे है? यह वयक्ति परमेश्वर के वचन के विरूध में यह नहीं जानते हूए बाते कर रहा है, कि परमेश्वर का वचन कहता है कि जो परमेश्वर के विश्राम में प्रेवश कर चुके है वे संघर्षो से बचाए गए है( इब्रानियों 4:10)। इस प्रकार के वयक्ति लोग अपने जीवन का अर्थ अपने भावनाओं से पता करते है। मगर परमेश्वर का वचन आपके भावनाओं पर निर्भर नही है।
नया जन्म पाने का अर्थ है, आप शारीरिक नहीं है; “…जो शारीरिक दशा में है, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते है” (रोमियो 8:8)। आपको अब आत्मा में चलना है न कि अपने भावनाओं में। रोमियों 8:13 कहता है कि “क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।” यह हमारे शारीरिक मृत्यु के बारें में बात नही कर रहा है। यह आत्मिक मृत्यु है। इसका मतलब है कि आप परमेश्वर से अलग हो जाऐंगे; आप अपने अंदर संर्घष करेंगे। मगर यदि आप परमेश्वर के ज्योति और उसके वचन में चलेंगे, तो आप एक राजा के समान जीऐंगे!