प्रत्येक बीज में वह सबकुछ विदमान है जिससे कि वह दूसरा बीज पैदा कर सके या फिर एक जंगल का निर्माण कर सके। नया जन्म प्राप्त करने के कारण आप एक बीज के समान है। सफलता का जीवन जीने के लिए आपको जिस चिज की भी आवश्यकता है, वह आपके अंदर प्रचुरता से भरी हुई है।
जब बीज को बोया जाता है, वह अंकुरित होता है, उसमें डालिया निकती है, पत्ते आते है और फिर फल। अब सवाल यह हैः उसमें डालिया पत्ते और फल कहाँ से आयी ? यह सभी उसी बीज से आयी जिसे बोया गया था ! उस बीज को सामन्य जीवन जीने के लिए जिस चिजों की भी आवश्यकता थी जैसे की: एक बड़ा वृक्ष बनना, फल लाना और बीज पैदा करना, उसी बीज मे थी। उस बीज को केवल एक सही वातावरण में आने की जरूरत थी।
परमेश्वर ने हमें जीवन और भक्ति से संबधित हरेक चिजें दे दी है। उसने हमारे लिए पहले ही ईन्तेजाम कर दिया है ! आपके के अंदर पहले ही से श्रेष्ठ और विजय जीवन जिने के लिए सबकुछ है। इस पृथ्वी पर एक बेहतर धार्मिकता और सफलता का जीवन जीने के लिए जिन चिजों की भी आवश्यकता है, वह सभी आपकी आत्मा में उपस्थित है ! वह सब जो आप आने वाले समय में होंगे और है, आपके अंदर विदमान है।
इसलिए आपको केवल सही वातावरण में रहने की जरूरत है, जहाँ आप अपने भीतरी मनुष्य को और भी मजबुत कर सके, सही चिजे सुन सके और सही बात बोल सके। यह बेहद ही जरूरी कदम है क्योंकि अगर आप गलत चिजे सुनेंगे, आप गलत शब्द का अंगीकार करेंगे और इसका परिणाम यह होगा कि धार्मिकता के फल बजाए, आपके जीवन में गलत प्रकार के फल आने शुरू हो जाऐंगे।
1 कुरिन्थियों 2: 12-13 हमें आगे इसका प्रकाशन देता है। “परन्तु हम ने…वह आत्मा पाया है जो परमेश्वर की आरे से है कि हम उन बातों को जानें जो परमेश्वर ने हमें दी हैं। जिनको हम …सुनाते हैं।” परमेश्वर ने हमें वह सबकुछ दे दिया है जो हमारें जीवन और भक्ति से संबधित है, पर अब परमेश्वर की आत्मा हमें वह सभी बातें सीखानें में सहायता प्रदान करता है जो परमेश्वर ने हमें आत्मा में दी है। इसलिए जब पवित्र आत्मा आपको दैविक बुद्धि देता है, तो उन्हें अपने मुँह से अंगीकार करें जिन्हें परमेश्वर ने आपके लिए प्रबंध की है।
प्रार्थना और घोषणा
मेरी उत्पति परमेश्व्र से हुई है और यही मुझे विजय से बढकर बनाती है क्योंकि महान है वह जो मुझ में है, उससे जो इस संसार में है। अच्छा जीवन, सेहत, सफलता,सामथ्र्य और उन्नति मेरी है, यीशु के नाम से, आमीन !