अगर आपके पास राज्य है, तो सबकुछ हैं

जब आप कुछ मसीह लोगो के प्रार्थना सुनोगे तो आपका पता चलेगा कि उन्होंने सच्चाई में मसीह यीशु के सुसमाचार को समझा ही नहीं है। वे एक ऐसे चित्र को दिखना चाहता है जहाँ प्रार्थना में कइ संघर्ष है; यह सोच उनके पास पुराने नियम से आयी है। मगर हम अब नए नियम में है, और जिस यीशु के पिछे हम चल रहे है, उसने कभी भी प्रार्थना करने में संघर्ष नहीं की।


जब भी यीशु ने प्रार्थना की, उसके शब्द बहुत ही साधरण और गंभीर थी, उसके शब्द विश्वास से भरी हुई थी। उसकी प्रार्थना पिता के साथ एकीकरण के दृष्टिकोण से आती थी। उसके अंदर कभी भी कमी या जरूरत की मानसिकता नही थी, और वह यही चाहता है कि आपका विवेक भी ऐसा ही हों। जरा इस तसल्ली के वचन पर ध्यान दें “हे छोटे झुण्ड, मत डर, क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हे राज्य दे”(लूका 12:32)। कोई क्योंकर इस वचन को जानने के बाद भी प्रार्थना करने में संघर्ष करें ? उसने आपको पहले ही से राज्य दे दिया है।


हमेशा याद रखें छोटा बड़े में सम्मिलित होता है। अगर आपके पास राज्य है, तो आपके पास राज्य में सम्मिलित हरेक चिजें है। उसके राज्य में, जीवन, धार्मिकता, प्रेम, आंनद, धन, दैविक सेहत, शांति और बहुत कुछ है। यह सभी चिजें अब आपकी है। इसका अर्थ यह होता है कि परमेश्वर से प्रार्थना में यह सबकुछ करवाने की कोशीश करना व्यर्थ है। ये चिजें तो ऐसी है जिनके लिए आपको प्रार्थना भी करनी की जरूरत नहीं है। ये चिजें मसीह में आपकी विरासत का हिस्सा है।


उदाहरण के तौर पर, आप किसी को अपने घर में आने की अनुमती और अधिकार देते है, आप अपना घर उठाकर उसके पास नहीं ले जाते, चाहे फिर वह अर्पाटमेंट, बंगला या फिर तीन मंजील का घर हो। आप यह उसको अपने घर की चाभी देकर करते है। उसी तरीके से, आपके पास स्वर्ग की राज्य की कुँजिया है, जिसका अर्थ यह होता है कि आपके पास आत्मिक और संसारिक आशीषों को प्राप्त करना का मौका है। “मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियाँ दूँगाः और जो कुछ तू पृथ्वी पर बाँधेगा, वह स्वर्ग में बंधेगा; ओर जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा”(मत्ती 16ः19)।

आपको अब केवल यह करने की जरूरत है कि आप इस विवेक में जीए की राज्य आपकी है। और आपके पास केवल राज्य ही नहीं आयी है। यह भली चिजों से भरी पड़ी है। एक बार जब आप यह सच्चाई जान लेते है तो आप बुलंदी से यह जानते हुए जीते है कि यह संसार आपकी है।

प्रार्थना और घोषणा

पिता, मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि राज्य मेरी है; इसलिए मेरे पास किसी चिजों की घटी नहीं। मेरे पास सबकुछ है जो जीवन और भक्ति से संबधित रखती है। मैं हरेक कार्यो में फलवंत हो रहा हूँ यीशु के नाम से। आमीन !