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संकट के बिच में विजय

  • August 24, 2020
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2कुरिन्थ्यिों 2:14

"परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान की सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।"

आज जितनी बुराईया संसार में है उतनी है बुराईयां बाईबल के दिनों में भी थी। जो समाचार आज हमें मिडिया के द्वारा मिलती है भलें ही हमें बहुत ही अजीब और बुरी लगे मगर बाईबल हमें बताता है कि ऐसी बातें नई नही है। यह बहुत पहले से होती आ रही है।


पहले भी आर्थिक तंगी थी तो यह आर्थिक तंगी आज भी है, पहले भी बेरोजगारी थी और आज भी है। लोग पहले भी आंतकी हमलें के डर में जिते थे और लोग आज भी ऐसे ही भय में अपना जीवन वयतीत करते है। हमारा शत्रु वही पुराना पैतरा अपना कर हमें दबा कर रखना चाहता है। बल्की मुझे ऐसा बोलना चाहिए कि उसके पास कोई दुसरा तरकीब है ही नही, वह हमेशा वही पुरानी तरकीब अपनाता है।

मगर हमारा परमेश्वर हमेशा और हरेक पिढ़ीयों के लिए विश्वासयोग्य रहा है। संकट और अंधकार के बीच में वह अपने लोगो को विजय में अगुवाई करता आया है और अपनी प्रतिज्ञाए पुरी की है। इसलिये तो भजनकर्ता अपने भजन में यह कहता हैः मैं यहोवा की सारी करूणा के विषय सदा गाता रहूँगा, मैं तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बताता रहूँगा।- भजन 89:1

इससे फ्रक नही पड़ता की मिडिया अपने समाचार के द्वारा कितना तबाही आपके जीवन में लाने की कोशीश कर रहा है, डरने से इन्कार कर दें। घबराए नहीं!


1यूहन्ना 4:4 कहता है कि: “हे बालको, तुम परमेश्वर के हो, और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है वह उससे जो संसार में है, बड़ा है।” आपका स्वर्गीय पिता बहुत लम्बे समय से इस संसार के तकलिफ, बीमारी, परेशानी, आर्थिक तंगी और आतंक के कार्यो का खातमा करता आ रहा है। वह आपके समस्या को सुलझाने के प्रति हैरान और परेशान नही है। वह आपके जीवन को खुबसुरत बनाने के प्रति वयाकुल और चिंतित नही है।

फिर से पौलुस के इस उत्साहित करने वाले पत्र को पढ़े “…परमेश्वर का धन्यवाद हो जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है…”– 2कुरिन्थियों 2:14। परमेश्वर ने मुसीबतों, आर्थिक तंगी, आतंक और प्रार्कतिक आपादाओं के बीच भी आपके लिए विजय, बढोतरी और भरपुरी तय कर दी है। संसार मे आपके इर्द-गीर्द क्या हो रहा है इससे अलग हट कर परमेश्वर ने आपके लिए सफलता तय कर दी है!

प्रार्थना और घोषणा

इस संसार में क्या हो रहा है उसका ध्यान किए बिना परमेश्वर ने मुझे सुरक्षित और स्वथ्य रखा है। मैं बहती नदियों के किनारें लगाए गए पेड़ के समान हूँ जिसके पत्ते कभी नही मुरझाते और अपने समय में फल लाते है। मैं सदा जय के उत्सव में चलता हूँ। मैं इस संसार के नियम पर निर्भर नहीं। धन्यवाद यीशु… आमीन!

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