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वचन का आज्ञापालन करें!

  • August 9, 2020
  • 2 Comments
याकूब 1ः22

"परन्तु वचन पर चलने वाले बनो, और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देता हैं।"

वे मसीह लोग जो आत्मिक रूप से परिपक्व हो जाते है, वे हमेशा वचन के अनुसार कार्य करने के लिए तैयार रहते है; वे परमेश्वर के वचन और निर्देश पर सवाल नहीं उठाते है; वे वही काम करते है जो उन्हें करना चाहिए। आशीष ऐसो पर ही पाई जाती हैः वचन पर कार्य करने वालो पर! हम जैसे याकूब 1:22 में पढ़ते है, कि वचन पर चलने वाले लोग ही परमेश्वर को प्रसन्न करते है, वे नहीं जो केवल सुनते ही है, और कुछ नहीं करते। अगर आप परमेश्वर के वचन को सुनते है,तो हमेशा उसकेे वचन पर चलने के लिए तैयार रहे।


नए नियम में, परमेश्वर को हमें वचन में चलने के लिए कायल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम नए नियम में वचन के द्वारा ही जीते है। अब्राहम के समान, हम उस पर विश्वास रखते है, क्योंकि हम संगति के द्वारा उस से परिचित हो गए है। हमारे लिए अब्राहम एक उदाहरण है, जिसने परमेश्वर के निर्देशों को बहुत ही सम्मान दिया। उत्पति 22:2 में परमेश्वर ने उससे कहा, “…अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग ले कर मोरय्याह देश में चला जा, और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा।”


यह निर्देश बहुत कठिन था मगर अब्राहम ने इस पर सवाल नहीं किया; उसने वचन के अनुसार किया और उसने अपने बेटे का बलिदान कर दिया होता, अगर उसे परमेश्वर ने रोका नहीं होता। उसकी प्रेरणा सरल थीः परमेश्वर ने यह करने को कहा है, और बस मुझे करना है! आपका दृष्टिकोण परमेश्वर के वचन के प्रति यही होना चाहिए। आपकी खुशी और आपकी चाहत परमेश्वर के वचन का पालन करना होना चाहिए। आपके लिए उसका निर्देश अप्रिय और अतार्किक लग सकता है, मगर बुद्धिमान बने और वह करे जो वह आपसे कह रहा है, क्योंकि परमेश्वर मूर्खता मनुष्य की बुद्धि से ज्ञानपुर्ण है।


अगर आप कुछ निर्णय लेने वाले है और परमेश्वर का वचन आपके निर्णय के विपरित बात कर रहा है, तो अपने हृदय को कठोर न करें; परमेश्वर का वचन जो कह रहा है वही करें। परमेश्वर का वचन आपको हमेशा ही उत्कृष्ट रास्ता दिखाएगा। अपने आप को पूरी तरह से शब्द के अधिपत्य के लिए ढालें, और फिर परमेश्वर के वचन को माहनता के लिए आपके जीवन में कार्य करता देखे।

प्रार्थना और घोषणा

प्रिय पिता, आपका वचन मेरे लिए सबसे बड़ा धन है; मैं हमेशा अपने आपको वचन के अधीन करने के लिए, और वचन के अनुसार ढालने केे लिए तैयार करता हूँ ताकि उसका वचन मुझे महान और शानदार व्यक्तित्व में ढाल सके। प्रभु यीशु के नाम से, आमीन!

Comments (2)

2 thoughts on “वचन का आज्ञापालन करें!”

  1. धन्यवाद करते हैं पिता परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं प्रभु यीशु को और हमारी विनती है कि यह हमें प्रभु यीशु के वचनों में सरीर को ढालना है जिस प्रकार से प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर चले हैं उसी प्रकार से हमें भी अपने आप को ढाल कर वही कार्य करने और वह कब कर सकते हैं जब हम वचन के साथ में एक रहेंगे तब वचन का अध्ययन करेंगे तब तब हम प्रभु यीशु के कार्य में और उनके स्वभाव में डाल पाएंगे येशु के नाम से

  2. Thank you Jesus aapke vachn ke liye aapka vachan hi hame har kathin samay me sambhalta hai

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