DONATE

मसीहत की सुंदरता

  • September 8, 2020
  • 1 Comments
कुलुस्सियों 1:27

"जिन पर परमेश्वर ने प्रकट करना चाह कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।"

मसीहत जीवित और परमेश्वर की धड़कन से धड़करने वाली जीवन है जो लोगो के में वास करती है; यह खूद मसीह है जो आपके अंदर रहता है। मसीहत एक दैविक सामथ्र्य है जो आपके अंदर और आपके द्वारा कार्य करता है। यह आपके और जीवित परमेश्वर के बीच का एक गहरा संबध है।

मसीहत किसी भी प्रकार से धर्म नही हो सकती है। धर्म मनुष्य के द्वारा परमेश्वर को खुश करने का कार्य है। वही पर मसीहत, परमेश्वर के द्वारा मनुष्य को अपनाने का दैविक प्रेम है। यह परमेश्वर के दैविक वयक्तित्व से एक हो जाने की बुलाहट है; यह बुलाहट है उसके साथ चलने और उसके धार्मिकता में जीने की; यह बुलाहट है उसके महिमित जीवन और प्रेम को अपनाने की। कुलुस्सियों 1:27 कहता है मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है! यही तो मसीहत है! मसीह आपके अंदर जिंदा है!

एक मसीह जन वह है जिनके अंदर परमेश्वर निवास करता है ना कि वे जो केवल धार्मिक कार्य करते है। परमेश्वर केवल हमारे बीच और हमारे साथ रहने से प्रसन्न नही था बल्कि उसने हमारे ह्नदय में वास करने का निर्णय लिया! यही तो मसीहत की महिमा और खुबसुरती है! यह परमेश्वर का जीवन है जो आपके द्वारा जीया जाता है।

जब तक की आपको इसका प्रकाशन नही मिलेेगा मसीहत केवल आपके लिए एक धर्म बनी रहेगी। मसीहत का वह तत्व जिसके कारण हम प्रार्थना करते है, चर्च जाते है, बाईबल पढ़ते है, सुसमाचार सुनाते है यह नहीं है कि हमने किसी धर्म को ग्रहण किया है बल्कि यह है कि परमेश्वर का जीवन हमारे अंदर है और रात-दिन कार्य करता रहता है। परमेश्वर का हमारे अंदर होना ही हमारें सारे मसीहत के कार्यो का कारण है। यही तो यीशु मसीह ने हमारे लिए प्रबंध कराया है। उसने हमारे लिए अनंत जीवन प्रबंध कराया है, एक ऐसा जीवन जो परमेश्वर के उपस्थ्तिि और संगति से भरपुर है। “और वह गवाही यह है कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है, और यह जीवन उसके पुत्र में है। जिसके पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिसके पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है।”– 1युहन्ना 5:11-12।

प्रार्थना और घोषणा

मैं परमेश्वर के महिमा और उसकी संदुरता से भरा हुआ हूँ। उसका जीवन मुझ में है। मैं परमेश्वर का वारीस और यीशु का संगी वारीस हूँ। इसलिये इस संसार में मै विजय होता हूँ। वह जो मुझ में है बड़ा है उससे जो इस संसार में है। मैं परमेश्वर की महिमा हूँ….यीशु के नाम सें आमीन!

Comments (1)

One thought on “मसीहत की सुंदरता”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave Your Comment