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बुलाए!

  • October 20, 2020
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रोमियो 4:17

"जैसा लिखा है, कि मैं ने तुझे बहुत सी जातियों का पिता ठहराया है उस परमेश्वर के साम्हने जिस पर उस ने विश्वास किया और जो मरे हुओं को जिलाता है, और जो बातें हैं ही नहीं, उन का नाम ऐसा लेता है, कि मानो वे हैं।"

पास्टर जी, मैं अपने शरीर में दर्द महसुस करता हूँ। कैसे मैं लोगो को बता सकता हूँ कि मसीह ने मुझे बीमारीयों से अजादी दी है? मैं कैसे बोल सकता हूँ कि उसके कोड़े खाने से मैं चंगा हो चुका हूँ?

परमेश्वर का चिजों को बुलाने का तरिका ऐसा ही है, वह जो चिजे है ही नहीं उसको ऐसे बुलाता है, मानो वह चिजें हो। और क्योंकि आप परमश्वर के स्वरूप में बनाऐ गए है, आप भी वह चिजें जो नहीं है ऐसे बुला सकते है, जैसे मानो वे है!

जब परमेश्वर अब्राहम को राष्ट्रो का पिता बनाना चाहता था, तो उसने क्या किया? अब्राहम जिस तरिके से बात करता था, उसने उसे बदल दिया। उस समय, अब्राहम के पास सारा की ओर से एक भी संतान नही थी, क्योंकि सारा बांझ थी। तो वह कैसे राष्ट्रो का पिता बन सकता था?

परमेश्वर ने अब्राहम के बात करने का तरिका बदल दिया। कैसे? उसके नाम को अब्राम से अब्राहम में बदल कर, जिसका मतलब है “राष्ट्रो का पिता” (उत्पति 17:5)।


जरा सोचेः उसके बाद, जब भी वह किसी से मिलता, तो वह कहता कि “मैं राष्ट्रो का पिता हूँ”। शायद आप उनके पड़ोसियों को कहते सुन सकते थे, “उन्हें बच्चा चाहिए। इसलिये वे बहुत परेशान है और यही कारण है कि अब्राहम और सारा ऐसे-ऐसे काम कर रहे है। वे पागल हो गए है!” मगर परमेश्वर ने अब्राहम के बात करने के तरिके बदल दिए ताकि अब्राहम उन चिजों को बुलाता जो चिजो से परमेश्वर उन्हे आशीषित करना चाहता था।

जब यीशु ने उस सुखें हाथ वाले व्यक्ति को देखा, तो उसने यह नहीं कहा, “इसे देखो तो सही, यह हाथ तो बहुत ही सुखा हुआ है!” उसने कहा, “अपना हाथ बढाओं” (मत्ती 12:13)! उसने वह चिज बुलाई जो वह चाहता था। उसने लकवे को देखा और कहा, “खड़े हो जाओ और अपने खाट को उठाकर अपने घर चले जाओ”(मत्ती 9:6)! जो चिजे साधरण तौर पर दिख रही थी, उसने उन्हे वैसे ही नहीं बुलाया। जैसे परमेश्वर ने बनाया था, उसने वैसे ही देखा और उन्हे बुलाया।

उत्पति 1 हमें बताता है कि आदि में इस पुरे पृथ्वी पर अंधकार थी। परमेश्वर ने अंधकार देखकर कहा, “उजयाला हो!” और उजयाला हो गया। परमेश्वर ने उसे बुलाया जो वह चाहता था और उसके लिए वही हो गया! अगर यह मेरे या आपके लिए होता तो शायद हम कहते कि “बाप रे, कितना अंधेरा है!”

दर्द के बावजूद अपने चंगाई को बुलाए। व्यवहारिक बातो का स्पष्टीकरण बेकार है। तो अपने जबान बदले। जैसा परमेश्वर चाहता है, वैसे देखना शुरू करे। और अपनी चंगाई और भरपुरी को बुलाए!

प्रार्थना और घोषणा

मैं अपनी चंगाई और संपुर्णता प्रभु यीशु के नाम से बुलाता हूँ! मैं कमजोर नहीं हूँ! मैं टूटा हुआ नहीं हूँ! मेरे हृदय में शाति है। प्रत्येक दिन मैं यीशु के समान बन रहा हूँ। मेरा चरित्र प्रभु यीशु के जीवन को प्रकट करता हैं। मैं इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु का राजदुत हूँ। यीशु के नाम से, आमीन!

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