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प्रार्थना में बक बक न करें

  • August 6, 2020
  • 4 Comments
मत्ती 6:7

"प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नाईं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी।"

बहुत बार मसीह लोग कहते है, “मुझे सामर्थ्यशाली प्रार्थना की जरूरत है; तो मेरे लिए प्रार्थना करें, मेरे लिए सामर्थ्यशाली प्रार्थना करें।” मगर क्या आपने कभी अपने आप से यह पुछा है कि आखीर यह सामर्थ्यशाली प्रार्थना क्या है? सामर्थ्यशाली प्रार्थना कैसे की जाती है? क्या यह प्रार्थना करने वाले की आवाज की बुलंदी है? या फिर उनके प्रार्थनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले धार्मिकता के शब्द? मैं आपको एक बात बता दूँ, आपको सामर्थ्यशाली प्रार्थना की जरूरत नहीं है, मगर साधरण प्रार्थना सामर्थ्यशाली परमेश्वर के आगे रखने की जरूरत है।


प्रभु यीशु ने अपने वचन में कहा कि जब तुम प्रार्थना करते हो तो अन्यजातियों के समान न करो जो बार बार एक शब्द को दोहराते रहते है। उनको लगता है कि एक बात बार बार दोहराने से उनकी प्रार्थना सुन ली जाएगी; यीशु ने कहा है कि हमे ऐसे प्रार्थना नहीं करनी चाहिए। उसके वचन को पढ़ेः “सो तुम उन की नाईं न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है।”(मत्ती 6:8)।


यीशु की नाईं प्रार्थना करना सीखें; उसने साधरण प्रार्थना की और अपना कार्य किया। जरा उस दश्र्य की कल्पना करें, जब उसने लाजरस के कब्र पर बेहद ही साधरण तरिके से प्रार्थना की। बाइबल बताती है कि “…यीशु ने आंखे उठाकर कहा, हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं कि तू ने मेरी सुन ली है। और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है। यह कहकर उस ने बड़े शब्द से पुकारा, कि लाजर निकल आ।”(यूहन्ना 11:41-43)।


प्रार्थना को सफल बनाती है, वह आपका विश्वास है, न की आपकी शब्दों के भंडार और न ही शब्दों की माला। यीशु ने इसके बारें में साफ साफ हमें मरकुस 11:24 में बता दिया हैः “इसलिये मैं तुम से कहता हूँ, कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके मांगो तो प्रतीति कर लो कि तुम्हें मिल गया और तुम्हारे लिये हो जाएगा।” इसलिये अपनी प्रार्थना को साधरण बनाए रखे; विश्वास से प्रार्थना करें और बार बार एक ही बात दोहराने से बजे।


अन्यभाषा में प्रार्थना करने की आदत बनाए रखें क्योंकि जब भी आप अन्यभाषा प्रार्थना करते है, तो आपकी आत्मा, पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर की ईच्छा के अनुसार प्रार्थना करने लगती है। मसीह होने के नाते यही हमारा प्रार्थना करने का प्राथमिक तरिका हैः अपनी भाषा में प्रार्थना करने से पहले आत्मा में प्रार्थना करें; जो कि अन्यभाषा है। “सो क्या करना चाहिए मैं आत्मा स भी प्रार्थना करूँगा, और बुद्धि से भी प्रार्थना करूँगा; मैं आत्मा से गाऊँगा और बुद्धि से भी गाऊँगा।”(1कुरिन्थियों 14:15)।

प्रार्थना घोषणा

मैं घोषणा करता हूँ कि मेरा विश्वास प्रभावशाली है। इसलिए मैं अपने जीवन और परिस्थितियों में पवित्र आत्मा की शक्ति और वचन के द्वारा परिवर्तन करता हूँ। यीशु के नाम से, आमीन!

Comments (4)

4 thoughts on “प्रार्थना में बक बक न करें”

  1. परमेश्वर की प्रार्थना में उसी विश्वास के साथ करनी जो परमेश्वर ने दिया है ना कि अन्य लोग जाति के लोगों की तरह बकबक ना करें हमें परमेश्वर ने विश्वास दिया है उसी को लेकर हमें मागते है वह हो जाऐ यही विश्वास की प्रार्थना है ( आमिन )

  2. धन्यवाद परमेश्चर पिता आज के प्रकाशन के लिए आपने सर के द्वारा जो हमसे बाते की

  3. Praise the Lord. Thank you Jesus. Yes simple prayer in front of our powerful God with strong belief make a difference.

  4. Dhanyavad Pita Parmeshwar aaj ke Prakash ke liye aapane sar ke dwara jo humse baat ki ki
    Amen Amen

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