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परमेश्वर मनुष्य को अभिषेक करके भेजता है

  • July 26, 2021
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यूहन्ना 1:6

"एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिसका नाम यूहन्ना था।"

कई लोग सोचते है कि परमेश्वर लोगो को नही पर स्वर्गदुतों को भेजता है। ऐसा बिलकुल भी नहीं है! अभी जो हमनें वचन पढ़े है वह कहता है कि “एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ” अगर वह बाईबल के दिनों में मनुष्य को भेज सकता है, तो वह आज भी मनुष्य को भेज सकता है, क्योंकि वह बदलता नहीं।


जब परमेश्वर के लोग किसी भी शहर या देश के लिए यह विनती करते है कि वह देश और शहर बदल जाए, तो परमेश्वर खुद निचे आकर लोगो को बदलने का काम नहीं करता है। मगर वह मनुष्यों को भेजता है कि जाकर उसका वचन प्रचार करें जिससे की उसका कार्य उस देश और शहर में हो। जब भी वह लोगो की मदद् करना चाहता है तो वह किसी मनुष्य को अभिषेक कर के भेजता है। एक बार जब उसे लोगो की मदद् करनी थी तो उसने अपने बेटे यीशु को अभिषेक कर के मनुष्य के रूप में भेजा। एक बार सामरिया के शहर में आंनद लाना था तो उसने फिलुप्पुस को उस शहर में भेजा (प्रेरित 8:5-8)

होशे 12:13 कहता है, “एक भविष्यद्वक्ता के द्वारा यहोवा इस्त्राएल को मिस्त्र से निकाल ले आया, और भविष्यद्वक्ता ही के द्वारा उसकी रक्षा हुई।” इस वचन को ध्यान से देखे यहाँ यह नही लिखा है कि यहोवा ने उनकी रक्षा स्वर्गदुतों को भेज कर की। आखीर भविष्यद्वक्ता के द्वारा ही क्यों? इसका मुख्य कारण यह की परमेश्वर का अभिषेक केवल मनुष्य के द्वारा ही ले जाया सकता है, क्योंकि केवल मनुष्य ही उसके रूप और समानता में बना है। परमेश्वर उन पुरूषों और महिलाओं को अभिषेक करता है जिसको वह आपके पास भेजता है। वह चाहता है कि आप ऐसे लोगो को पहचाने, क्योंकि ये लोग आपके जीवन में आशीष ला सकते है।


जिनको भी परमेश्वर आपके जीवन में भेजता है वे परमेश्वर का अभिषेक अपने जीवन में लिए आपके पास आते है जिससे के वे आपके जीवन में आशीष ला सके। जैसे की पासवान अपने बुलाहट में चलते है पर उनकी बुलाहट आपके जीवन में आशीष लेकर आती है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप एक अच्छे कलिसिया के एक अच्छे सदस्य बनें, जहा आप परमेश्वर के वचन को लगातार सीखतें है।

जब आप मसीह को अपने दिल में बुलाते है और उसको ग्रहण करते है, तो वह आपके आत्मिक जीवन के अगुवाई के लिए एक पासवन को भेजता है। ऐसे वयक्ति परमेश्वर के द्वारा अभिषेक किए हुए होते है जो आपके जीवन में परमेश्वर के वचन को लाने वाले होते है, जिससे की आप अपने जीवन के हरेक परेशानी में विजय हासील कर सकें। 2 इतीहास 20:20 बताता है “…अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे, उसके नबियों की प्रतीति करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे।” हो सकता हो कि आप किसी मुसीबत में फसें हो,मगर परमेश्वर की बातें जो उसके जन की ओर से आती है, आपको आपके मुसीबत से बाहर निकालेगी और आपको चट्टान पर खड़ा करेगी।

प्रार्थना और घोषणा

पिता आपको धन्यवाद, क्योंकि मेरे अंदर आपकी शिक्षाओं को मानने की ईच्छा है। आपका वचन मेरा जीवन है, आपके वचन के द्वारा मैं हमेशा सही रास्तों पर चलता हूँ। आपकी शिक्षा मुझे हमेशा धार्मिकता के पथ पर लेकर चलती है, यीशु के नाम से.. आमीन!

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