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नयी प्रार्थना

  • June 25, 2021
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यूहन्ना 16:23

"उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे..."

नयी नियम की प्रार्थना, पुराने नियम के प्रार्थना से बिलकुल भिन्न है। पुराने नियम में, लोग परमेश्वर से विनती करते थे ताकि वे लोग परमेश्वर से प्राप्त कर सके। उनको परमेश्वर से मांगना पड़ता था क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें आशीष देने की प्रतिज्ञा की थी; परमेश्वर ने उनके जरूरतो को पुरी करने की प्रतिज्ञा की थी। इसलिए प्रतिज्ञा के अधार पर वे उससे प्रार्थना करते थे।


वह यहोवा यीरे था; वह प्रभु चंगाकर्ता था; वह यहोवा निस्सी था; वह उनकी धार्मिकता था। महिमा के परमेश्वर ने उनसे प्रतिज्ञा की और उन्होंने उसके प्रतिज्ञा के अधार कार्य करना शुरू कर दिया।

जब यीशु आया, तो क्योंकि वह खुद भी पुरानी वाचा में जी रहा था, इसलिए उसकी शिक्षा भी पुरानी वाचा पर अधारित थी। जब उसने प्रार्थना के विषय में लोगो को सिखाया तो वह उनके विश्वास को बढा रहा था जो मुसा के नियम पर चलते थे, मगर आप उस व्यवस्था में नही जिते है। इसलिए आप उनके जैसे प्रार्थना कर के नए नियम जैसे परिणाम की आशा नहीं कर सकते है। प्रार्थना बदल चुकी है!


पुराने नियम में वे परमेश्वर से यह कह कर प्रार्थना करते की परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञा पुरी करे, मगर नए नियम में वे सारी प्रतिज्ञा मसीह यीशु में पुरी हो चुकी है। 2कुरिन्थियों 1:20 कहता है कि “क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे सब उसी में हाँ के साथ हैं। इसलिए उसके द्वारा आमीन भी हुई कि हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो।” आज आपको पुराने नियम के लोगो के समान मांगने की जरूरत नहीं है; वे तो आपको प्राप्त होती है क्योंकि सबकुछ आपकी है(1कुरिन्थियों 3:21-23)। आपको तो बस मसीह के आशीषो और अपनी विरासत की सच्चाई में चलना है।


2 पतरस 1:3 कहता है कि “क्योंकि उसकी ईश्वरीय सामथ्र्य ने सबकुछ जो जीवन और भक्ति से सम्बन्ध रखता है, हमें उसी की पहचान के द्वारा दिया है, जिसने हमें अपनी ही महिमा और सद्गुण के अनुसार बुलाया है।” अब जब उसने हमें सबकुछ जो जीवन से संबध रखता है और वह सभी जो आत्मिक चिजें है, जुटा दि है तो हमें प्रार्थना में क्या करना चाहिए?

जी हाँ, नए नियम में प्रार्थना परमेश्वर से चिजें मांगना नहीं है बल्कि यह हमारे प्रभु के साथ संगति करने का एक आलौकिक स्थान है, जो प्रार्थना की सबसे बड़ी उदेश्य है।

प्रार्थना और घोषणा

मैं परमेश्वर का वारिस और मसीह के साथ संगी वारिस हूँ; यह संसारी मेरी है। सबकुछ मिलकर मेरे लिए भलाई उत्पन्न करती है क्योंकि मैं प्रभु से प्यार करता हूँ और उसके उदेश्य के लिए बुलाया गया हूँ। मैं मसीह के साथ हमेशा हमेशा के लिए राज करता हूँ। आमीन!

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