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ज्यादा अनुग्रह न की ज्यादा सामर्थ्य

  • September 1, 2020
  • 2 Comments
याकूब 4:6

"वह तो और भी अनुग्रह देता है; इस कारण यह लिखा है, कि परमेश्वर अभिमानियों से विरोध करता है, पर दीनों पर अनुग्रह करता है।"

जब परमेश्वर आपको कुछ करने को कहता है, तो वह आपको अनुग्रह देता है। रोमियों 12:6-8 कहता है, “और जब कि उस अनुग्रह के अनुसार जो हमें दिया गया है, हमें भिन्न भिन्न वरदान मिले हैं, तो जिस को भविष्यवाणी का दान मिला हो, वह विश्वास के परिमाण के अनुसार भविष्यवाणी करे। यदि सेवा करने का दान मिला हो, तो सेवा में लगा रहे, यदि कोई सिखाने वाला हो, तो सिखाने में लगा रहे। जो उपदेशक हो, वह उपदेश देने में लगा रहे…”। तो, हमें जो भिन्न भिन्न प्रकार के वरदान दिऐ गऐ है, वह परमेश्वर के अनुग्रह के अनुसार हमें दिया गया है। यह हमें यह बताता है कि जिस कार्य को करने के लिए हमें परमेश्वर ने बुलाया है, उसके अनुसार अलग अलग स्तर के अनुग्रह है।


उदाहरण के तौर पर अगर आप एक सेवक है और आप एक विशेष संख्या को सुसमाचार सुना रहे है, तो परमेश्वर आपको उस संख्या को संभालने का अनुग्रह देगा। जब आपके पास उस संख्या के दस गुणा ज्यादा लोगो को संभाले का समय आऐगा तो परमेश्वर आपको उसके लिए और ज्यादा अनुग्रह देगा, न की ज्यादा अभिषेक या फिर ज्यादा सामर्थ्य। ज्यादातर लोग ज्यादा अभिषेक के पिछे भागते है मगर वे भुल जाते है कि ज्यादा या कम अभिषेक जैसी चिजे नहीं होती है।


बाइबल में हमें कही नहीं कहा गया है कि वह हमें ज्यादा सामथ्र्य या फिर ज्यादा अभिषेक देगा। पवित्र आत्मा का हमारें अंदर रहना, इससे ज्यादा और क्या सामथ्र्यशाली चिज हो सकती है? वह परमेश्वर का सामथ्र्य है। परमेश्वर का वचन कहता है कि “…वह तो और भी अनुग्रह देता है…”। अनुग्रह क्या है? यह मनुष्य के आत्मा में दैविक प्रभाव है। यह मनुष्य के आत्मा के अंदर दैविक संुदरता, योग्यता, सिद्धता, और महिमा है, जो बाहरी रूप में तब प्रकट होती है, जब मनुष्य की आत्मा पर दैविक प्रभाव पड़ता हो।

समष्या लोगो के द्वारा इस्तेमाल की जा रही भाषा शैली के गलत प्रयोग में है। बहुत से लोग जिसे अभिषेक कहते है, वह असल में अनुग्रह है, मगर उनको इसके विषय में पता नहीं है। कई लोग यह भी कहते है कि “इस विशेष पासवान के पास, उस पासवान से ज्यादा अभिषेक है!”, लेकिन सच्चाई में कभी भी एक पासवान के पास दुसने से ज्यादा अभिषेक नहीं होता है।


कुछ लोग यह भी कहते है कि “परमेश्वर ने मुझे महान अभिषेक दिया था”, नहीं, उसने आपको यह नहीं दिया। मगर उसने आपको ज्यादा अनुग्रह दिया! जिसका मतलब यह होता है कि अपने बुलाहट के अनुसार अब आपके अंदर से उसका सामथ्र्य और ज्यादा प्रकट होगा।

आप उसके बढते हुए अनुग्रह में चल सकते है और परमेश्वर के लिए और ज्यादा कार्य कर सकते है! आप उसकी सुंदरता, महिमा और भलाई को अपने जीवन में बढा सकते है, और परमेश्वर का वचन हमें बताता है कि कैसेः परमेश्वर के वचन के प्रति नम्रता और अधीनता में रहकर और जिस कार्य के लिए परमेश्वर ने आपको बुलाया है उसे करने के लिए विश्वासयोग्य बनकर।

प्रार्थना और धन्यवाद

मुझे अनुग्रह की प्रचुरता और धार्मिकता का वरदान देने के लिए, पिता आपको बहुत धन्यवाद! मैं आपकी कृपा से उत्कृष्ट परिणाम लाता हूँ, जो मेरे जीवन पर अति- प्रचुर हैं, जिससे मैं जो कुछ भी करता हूँ वह समृद्ध होता है। आपकी सुंदरता, महिमा और भलाई आज मेरे द्वारा बढ़ते हुए माप से बह रही है। यीशु के नाम से, आमीन!

Comments (2)

2 thoughts on “ज्यादा अनुग्रह न की ज्यादा सामर्थ्य”

  1. धन्यवाद करता हूं पिता परमेश्वर को और धन्यवाद करता हूं प्रभु यीशु को कि उन्होंने हम पर अनुग्रह किया अनुग्रह किया उसी अनुग्रह के द्वारा आज परमेश्वर के राज्य में बढ़ पा रहे हैं क्योंकि परमेश्वर ने जो अनुग्रह दिया वही अनुग्रह हमारे जीवन की सबसे बड़ा वरदान है इसीलिए में हमें उसी अनुग्रह में बना रहना चाहिए और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार कार्य करते रहना चाहिए। ( आमीन। )

  2. धन्यवाद पिता परमेश्वर धन्यवाद प्रभु यीशु परमेश्वर का अनुग्रह है कि ही द्वारा हमारा जीवन है परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही हमें वह सामर्थ्य मिलती है यीशु के नाम से हालेलुया

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