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उसके प्रेम का परिणाम प्रेम होता है।

  • February 6, 2021
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मत्ती 22:37

"उस ने उस से कहा, तू परमेश्वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख।"

जब मैं प्रभु यीशु मसीह के प्रेम के विषय प्रचार करता हूँ और लोगो को बताता हूँ की कैसे परमेश्वर उनके पापों के लिए उनसे गुस्सा नहीं है, तो बहुत से लोगो को यह बात पंसद नहीं आती है। वे कहते है कि हम ऐसा कह कर उन्हें पाप करना का लाईसेंस दे रहे है; मगर यह कैसे हो सकता है? मसीह का प्रेम लोगो को पाप करने की स्वंत़त्रा नहीं देता है।


सच्चाई तो यह है कि आप जितना ज्यादा प्रभु यीशु के बारें में सीखेंगे उतना ही ज्यादा उससे प्यार करेंगे; उसको जानना, उससे प्रेम करना है। और आप जितना ज्यादा उससे प्यार करेंगे उतना ही उन चिजों से दुर रहेंगे जो चिजें प्रभु को पंसद नहीं हैं।


तो यह सच नहीं है कि मसीह का प्रेम आपको पाप करने की आजादी देता है। नहीं! परमेश्वर के प्रेम का परिणाम और ज्यादा प्रेम होता है। और क्योंकि आप उससे प्रेम करते है, आप उसके वचन को मानते है; फिर आप वही करते है जो परमेश्वर को अच्छा लगता है। यही तो यीशु ने कहाः “यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे”(यूहन्ना 14:15)।


आपके प्रेम का सबुत यह है कि आप उसके वचन को मानते है, और उसका वचन आपको पाप से अलग रखता है। रोमियों 6:1-2 कहता है “…क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो? कदापि नहीं! हम जब पाप के लिए मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ?” याद रखें कि हम उसके अनुग्रह और प्रेम का फायदा उठाते है मगर उसके विरोध में कदापि नहीं जाते है।


हमेशा याद रखें काई भी जन उसको प्यार किए बिना कभी नहीं पहचान सकता। अगर आप सच में उसे जानते है तो आप उससे प्यार भी करेंगे। बाइबल हमें बताती है कि हम उससे प्यार करते है क्योंकि सबसे पहले उसने हमसे प्यार किया (1यूहन्ना 4:19 )। और हम जानते है कि वह हमसे प्यार करता है क्योंकि उसका संदेश हमारे पास पहुचा, और हमने उसके संदेश को ग्रहण करके उसके संगति में प्रवेश किया। एक बार जब आप उसके संगति में आ जाते है तो फिर आप केवल उससे प्यार करना और उसे ही खुश करना चाहते है; और अपने जीवन में उसे पहला स्थान देते है। यही है उससे प्यार करने का परिणाम। मसीह के प्रति आपके प्रेम में ही पिता की प्रसन्नता हैै।

प्रार्थना और घोषणा

पिता मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि पवित्र आत्मा मुझे धार्मिकता और सच्ची पवित्रा में लेकर चलता है। मैं जितना ज्यादा आपको जानता हूँ, उतना ही आपको प्यार करता हूँ और आपके धार्मिकता को इस पृथ्वी पर स्थापित करना चाहता हूँ। यीशु के नाम से, आमीन!

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