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आपके पास में क्या है, आनंद या चिंता?

  • July 10, 2020
  • 9 Comments
1पतरस 1:8

"उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास करके ऐसे आनन्दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है"

आपको प्रत्येक दिन आनन्दित रहना है, और आपकी खुशी और आनंद आपके परिस्थ्तिि से बिलकुल आजाद रहनी चाहिए। इस संसार में किसी को भी आपको खुश करने के लिए नहीं बनाया गया है, आप खुद अपनी खुशी के लिए जिम्मेदार है। आपने आपको उदास और उलझनो में रखे। कभी भी दिन भर अपने अंदर बैचेन और असंतुष्ट रवैया न रखें। डिप्रेशन और और उलझन शैतान के करतुत है। कभी भी अपने जीवन में इसे आने न दे। इसके बाजए, अपने हृदय में हमेशा परमेश्वर के आंनद को बनाए रखें। उसके आंनद से भर जाए!


युहन्ना 15:11 में यीशु कहता है, “मैंने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए”। परमेश्वर की इच्छा आपके प्रति यह है कि आप अपने हरेक परिस्थितियों के विपरित, अपने अंदर उसका आंनद चाैबिस घंटे बनाए रखें। वह नहीं चाहता कि आप चिंता करें। क्या आपको जानते है कि कुछ लोगो को चिंता करना पंसद है। उनको लगता है कि वे ऐसा करके जिम्मेदार वयक्ति बन रहे है। वे अपने बच्चो के स्कुल के फिस के लिए चिंता है, अपने नौकरी के लिए चिंतित है, अपने सेहत के लिए चिंता करते है और बहुत सी बातों के लिए चिंता करते रहते है। यह मसीह जीवन नहीं है!

मसीह लोगो को आंनद, महिमा और शांति के जीवन में प्रवेश कराया गया है। फिलिप्पियो 4:4 कहता है, “प्रभु में सदा आनन्दित रहो; मैं फिर कहता हूँ, आनन्दित रहो। मुश्किलों का सामना करने के बावजुद, आपको आंनन्दित रहना है! उसने यह नही कहाँ कि जब सबकुछ ठिक हो तब आनन्दित रहो; उसने कहा, “प्रभु में सदा आनन्दित रहो”। अगर आप हमेशा आनन्दित नहीं रह सकते थे, तो परमेश्वर आपको यह करने को नही कहता। यह बहुत समान्य बात है कि जब चिजे सही नही हो तो हम मायुस हो जाते है; लेकिन समष्याओ मंे आनन्दित रहना परमेश्वर की बुद्धि है।

किसी भी चिजों को यह अनुमति न दे कि वह आपको चिंता में डाल दे। वह करें जो वचन कहता हैः “अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है”। कोई भी समष्या क्यु न हो, चाहें वो आर्थिक, सेहत, परिवारिक, शैक्षिणिक या फिर कुछ और, सारी चिजें उसी के उपर डाल दे और आनन्दित रहे। फिर दाऊद के समान घोषणा करें, यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी(भजन 23:1)। अपने समष्याओ और परिस्थ्तिियों के बीच यह सोचने के बजाए कि क्या करें, यह जानते हुए की परमेश्वर आपका बल है, हँसे, हँसे और हँसे!

प्रार्थना और घोषणा

मैं घोषणा करता हूँ कि परमेश्वर का आंनद मेरा बल है। जब चिजें अच्छी नही चल रही हो तो मैं आंनदित रहने का निर्णय लेता हूँ। मेरा आंनद पैसो या लोगो से नही आता है, यह परमेश्वर से आता है जो मुझे बेहद प्यार करता है। यीशु के नाम से, आमीन!

Comments (9)

9 thoughts on “आपके पास में क्या है, आनंद या चिंता?”

  1. Koi bhi samshya rahe chinta na kare parantu Prabhu me sada aandit rahe aur haste rahe ye samsya yeshu Masih ke samne kuch bhi nahi hai thank you Jesus and thank you sir wonderful teaching ke liye

  2. Yeshu k y name m ham par chai coi bi presani ho her vaket kush rehna chai ye samsa yeshu ke hyeshu raja ki jai

  3. Yeshu k y name m ham par chai coi bi presani ho her vaket kush rehna chai ye samsa yeshu ke yeshu raja ki jai

  4. Thank you paster ji aur thank you Jesus qki aaj ki subha parmeshwar ne hme khush rhe ko kaha h aur hm parbhu sada khush rhugi sari mhima parbhu ko mile

  5. परमेश्वर कि महिमा हो🙌🙌🙌🙌 धन्यवाद पिता जी, 🙏
    सदा आनंदित और मुसकुराते रहो😇😇😇😇
    Wonderful teaching 🙏

  6. Yes yess lord thank you so much juses 💞💞💞💞💞
    Thanks u profit Ricky jiii 😊😊😊😊😊🙏🙏🙏🙏🙏

  7. Yes हम हमेशा आनंदित रहते है यीशू मैं
    Jai yesu raja ki
    Amen

  8. हाँ । सरल और संतुलित जीवन जीने से ही, हम खुश और शांत रह सकते है। पेचीदा जीवन परमेश्वर की और से नहीं है, आवश्यक है पेचीदा और कठिन जीवन को हम सरल बनाये । मैने आरंभ कर दिया है, परमेश्वर कि अद्भुत शांति के लिए धन्यवाद !!

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