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अपने तुफान का सामना करना सीखें

  • July 3, 2020
  • 4 Comments
याकुब 1ः 2-3

"हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो।"

कुछ विश्वासी ऐसे होते है, जो काफी दिनों पहले प्रभु का अपना उद्धारकर्ता करने के बावजुद, आत्मा में “शिशु” रहना पंसद करते है। जब वे अपने जीवन में समष्यो का सामना करते है, तो अपने विश्वास को प्रयोग करने के बजाए, वे हरेक तरफ उन लोंगो को खोजते फिरते है। जो उनको उत्साहित करे और उनके लिए प्रार्थना करें। उनको ऐसे शब्द सुनना काफी पंसद होते है:- “चिंता न करें; परमेश्वर आपके खराब परस्थिति को अच्छे में बदल देगा और ऐसा ऐसा रास्ता खोलेगा जहाँ से कोई भी उमिंद नही थी। लेकिन इस बात को समझे कि इतना ही काफी नहीं है।

ऐसे स्तर पर कभी नहीं रहे जहाँ हमेशा आपको कोई दूसरा ही खिला रहा हो; जहाँ आप हमेशा उत्साह प्राप्त करने के लिए किसी दुसरो की ओर देखते रहते है और आशा करते है कि सबकुछ अच्छा होगा। समष्या का खुद डटकर सामना करना सीखें! बाईबल बताती है कि “हे बालको, तुम परमेश्वर के होः और तुम ने उन पर जय पाई है; क्योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है”(1युहन्ना 4:4)। और फिर रोमियो कि पत्री 8:35-37 यह घोषणा करती है कि “कौन हम को मसीह के पे्रम से अलग करेगा? क्या क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?…परन्तु इउ सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से पे्रम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर हैं।”


आप विजय से बढ़कर है; आप मसीह यीशु में विजय है; कोई भी परिस्थ्तिि आपके ऊपर हावी नही हो सकती है, क्योंकि आपका जन्म अपने परिस्थ्तिि पर जीत हासील करने और राज्य करने के लिए हुई है। यह मसीह में आपकी विरासत है। तो प्रभु को यह बोलना बंद कर दे की “प्रभु आप इस समष्या को हटा दे”; वह आपके इस समष्या को नहीं हटाएगा, क्योंकि वह आपके उन्नति के लिए है। इसलिए वचन कहता है कि जब तुम परिक्षाओं में पड़ो तो इसे आन्नंद की बात समझो। क्योंकि वह परिक्षा आपके क्षमता को बढा देगी और आपको मजबुत बनाएगी।


आप परमेश्वर के टीम में और उसके सेना में है। आप डरपोक नहीं हो सकते है। परमेश्वर जानता है कि आप अपने जीवन की समष्याओ के ऊपर जीत हासील कर सकते है। इसलिए परमेश्वर इस बात की घोषणा करता है कि “जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी।” (यशायाह 43:2)।


आप यह प्रार्थना न करें कि “प्रभु मुझे शैतान से बचा”; आप शैतान से बढ़कर है। शैतान और उसके दुत आपके पाँव के निचे है। तो डटकर खड़े हो जाऐं, जीऐं और अपने जीवन प्रत्येक दिन उसके वचन के द्वारा राज्य करें।

प्रार्थना और घोषणा

प्यारे पिता, मेरे प्राण को उत्साहित करने के लिए धन्यवाद। मैं विश्वास के वचन को अपने अंदर लेता हूँ। मैं विजय से बढ़कर हूँ। मैं चारों तरफ साहयता प्राप्त करने के लिए नही भागता हूँ क्योंकि मेरी साहयता परमेश्वर के वचन से आती है और इसलिए मैं अपने चुनौतियों का डटकर सामना करता हूँ। उसके वचन में मेरी हरेक चिज है। मेरी संपुर्ण साहायता केवल उसके वचन से ही आती है और किसी चिजों के द्वारा नहीं। यीशु के नाम से, आमीन!

Comments (4)

4 thoughts on “अपने तुफान का सामना करना सीखें”

  1. Yeshu aapko bauth bauth danyvad meri surkesha permisver my vachan sy aati h god is lord

  2. धन्यवाद पास्टर जी आज के आत्मिक भोजन के लिए और परमेश्वर आपका धन्यवाद आपने हमें जयवंत से बढ़कर जीवन दिया आमीन

  3. Hallelujah bahut adbhut h
    Hum har yek din apne jiwan ko yek anye astar ki or badhana jaruri h. Jo jaha h wahi naa rahe aage badhe.
    Thanks u pastor ji 💞
    Parmeswar ki mahima ho
    Thank you jesus love you lot jesus 🙏🙏🙏

  4. मै हमेशा सोचता था, मुझे तुफान का सामना करने कि जरूरत नहीं क्योंकि मेरा यह विश्वास था परमेश्वर रक्षक है।
    लेकिन पवित्र आत्मा ने एक दिन यह बात सिखलाई वह नहीं चाहते थे मै उस मुर्गी के बच्चों के समान हमेशा पंखोतले छिपा रहा हूँ… वे मुझे सामना करना सिखा रहे थे।
    आज मै अलग आयाम पर हूँ । Thank you holy spirit..

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