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अपना ध्यान भटकने न दे!

  • July 28, 2021
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इब्रानियों 12:1-2

"...तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़े। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहे।..."

नया जन्म पाने के द्वारा आप एक वातावरण में जन्म लेते है जिसका नाम है “मसीह”। मसीह एक वयतित्व और स्थान भी है। आप मसीह में है; और यह आपका रहने का स्थान है; आप परमेश्वर के बच्चे होने के नाते, इसी स्थान से कार्य करते है। आप मसीह में है, पवित्र आत्मा आपकी अगुवाई कर रही है मगर इसका मतलब यह नहीं होता है कि आपके आगे परिक्षाए नहीं आऐंगी; बहुत सी बातें आपको भटकाने आऐगी ताकी आपको परमेश्वर के बातों से दुर ले जाए; लेकिन आपको अपना ध्यान बहुत ही केंद्रित रखना चाहिए और भटकने से ईन्कार करना चाहिए।


जीवन के यात्रा में बहुत से बातें आपका ध्यान भटकाने की कोशीश करेगा। हो सकता है कि यह आपकी आर्थिक चिंता हो, एक ऐसी बीमारी जिसका चिकित्सा विज्ञान के पास कोई ईलाज न हो, आपके परिवार की चिंता, आपकी नौकरी और व्यवयसाय की चिंता, सुरक्षा की चिंता, आदि। मगर आपको परमेश्वर के वचन पर ध्यान लगाने का चुनाव लेना चाहिए। अपना भरोसा परमेश्वर पर और उसके कभी असफल न होने वाले वचन पर लगाए।


दुनिया और मसीह के बीच एक स्पष्ट अंतर करने के द्वारा अपने जीवन के लिए परमेश्वर के लक्ष्य को पुरा करने के लिए खुद को निर्धारित करें। इस संसार में इस संसार के वयक्ति के समान न जीए; यीशु ने यूहन्ना 15:19 में कहा “…तुम संसार के नहीं…”


आपको इस संसार में ऐसे जीना चाहिए जैसे बाइबल में अब्राहम और दुसरे विश्वास के नायक लोग जीते थे। इब्रानियों 11:13-16 कहता है कि “ये सब… मान लिया, कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं। जो ऐसी ऐसी बातें कहते हैं, वे प्रगट करते हैं, कि स्वदेशी की खोज में हैं। और जिस देश से वे निकल आए थे, यदि उस की सुधि करते तो उन्हें लौअ जाने का अवसर था। पर वे एक उत्तम अर्थात स्वर्गीय देश के अभिलाषी हैं…” उन्होने अजनबी के रूप में अपना जीवन बीताया; उन्होनें इस संसार के नागरिक के रूप में अपना जीवन नही बीताया; उनका जीवन इस संसार के कार्य प्रणाली पर अधारित नहीं था।


इस संसार के सिंद्धातों पर चलने से इन्कार कर दे। आपकी नागरिकता स्वर्ग की है, ना कि इस संसार की। फिलिप्पियों 3:20 कहता है “पर हमारा स्वदेश स्वर्ग का है…”

प्रार्थना और घोषणा

प्यारे पिता, मैं मसीह में मेरे जीवन, महिमा, सफलता और विजय के लिए धन्यवाद करता हूँ। मेरी प्राथमिकता आपके वचन और आपकी इच्छा को इस पृथ्वी पर स्थापित करना है;इसलिये मैं विचलित होने से इन्कार करता हूँ। यीशु के नाम से, आमीन!

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